अकोला में बवाल के बीच शिक्षक ने की शर्मनाक हरकत, जिसे सुन आपका सर शर्म से झुक जाए

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अकोला

महाराष्ट्र के बदलापुर (Badlapur) के बाद अब अकोला में स्कूल की छात्राओं के साथ शर्मनाक घटना हुई है. यहां सरकारी स्कूल का टीचर छात्राओं को अश्लील वीडियो दिखाता था. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. आरोप है कि टीचर करीब चार महीनों से ये हरकत कर रहा था. छात्राओं ने बाल कल्याण समिति को कॉल किया और पूरी बात बताई. यह घटना तब सामने आई, जब बदलापुर में दो किंडरगार्टन की बच्चियों के यौन शोषण को लेकर भारी विरोध-प्रदर्शन हो रहा है.

एजेंसी के अनुसार, यह घटना अकोला में काजीखेड़ के एक जिला परिषद स्कूल की है. यहां 47 साल का टीचर चार महीने से स्कूल की छह छात्राओं को अश्लील वीडियो दिखा रहा था. वह छात्राओं को मजबूरन वीडियो दिखाकर उन्हें परेशान करता था. इससे तंग आकर छात्राओं ने बाल कल्याण समिति के टोल-फ्री नंबर पर कॉल किया और शिकायत दर्ज कराई.

मंगलवार की सुबह शिकायत के आधार पर बाल कल्याण समिति की टीम स्कूल पहुंची और छात्राओं से बातचीत के बाद शिक्षक के खिलाफ केस दर्ज किया गया. इस मामले में पुलिस का कहना है कि छह छात्राओं ने शिकायत कराई है कि उनके स्कूल में एक टीचर बीते चार महीने से अश्लील वीडियो दिखा रहा है.

छात्राओं की शिकायत के बाद शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. आरोपी टीचर को पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया और आगे की जांच की जा रही है. इस मामले में राज्य महिला आयोग ने की पूर्व सदस्य आशा मिर्ग ने भी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

बदलापुर में यौन शोषण की घटना के बाद उबल पड़ा आक्रोश

इससे पहले ठाणे जिले के बदलापुर में ऐसी ही शर्मनाक घटना सामने आई. यहां एक स्कूल अटेंडेंट ने किंडरगार्टन में पढ़ने वाली तीन और चार साल की बच्चियों के साथ यौन शोषण किया. जब बच्चियों ने इस बारे में अपने माता-पिता को बताया तो पूरा मामला सामने आया, जिसके बाद केस दर्ज कराया गया.

पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की है. पुलिस ने 17 अगस्त को किंडरगार्टन की दो बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में स्कूल के एक अटेंडेंट को अरेस्ट किया था. महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सीनियर आईपीएस अधिकारी आरती सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी के गठन का आदेश दिया है.

इस घटना के बारे में पता चला तो पूरे इलाके के लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए और हजारों प्रदर्शनकारियों ने बदलापुर स्टेशन पर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया. इससे लोकल ट्रेन सेवाएं ठप हो गईं. वहीं लंबी दूरी की ट्रेनों का रूट बदलना पड़ा. बदलापुर रेलवे स्टेशन पर आंदोलनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और स्कूल की इमारत में तोड़फोड़ कर दी. पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर नौ घंटे बाद विरोध प्रदर्शन खत्म कराया.

इस पूरे मामले को लेकर विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि पीड़ित बच्चियों के माता-पिता को बदलापुर पुलिस स्टेशन में 11 घंटे तक इंतजार करना पड़ा, उसके बाद अधिकारियों ने उनकी शिकायत दर्ज की.

घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने मांगी माफी

स्कूल प्रबंधन ने इस घटना पर माफी मांगी है, साथ ही कहा कि उसने उस फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया है, जिसे हाउसकीपिंग का ठेका दिया गया था. स्कूल अधिकारियों ने कहा कि घटना के मद्देनजर स्कूल परिसर में सतर्कता बढ़ाई जाएगी. स्कूल प्रबंधन ने इस घटना के बाद प्रिंसिपल, एक क्लास टीचर और एक महिला अटेडेंट को निलंबित कर दिया, जबकि राज्य सरकार ने एक सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया.

जोन IV के पुलिस उपायुक्त सुधाकर पठारे ने बताया कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया, जिसे एफआईआर दर्ज होने के साढ़े तीन घंटे के भीतर पकड़ लिया गया. बदलापुर के लोगों को सड़कों पर उतरने या विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे जांच प्रक्रिया में बाधा पड़ती है. पुलिस प्रशासन मामले को सुलझाने में लगा हुआ है.

उद्धव ठाकरे ने कहा- फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो मामले की सुनवाई

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि बदलापुर में स्कूली बच्चियों के यौन शोषण मामले की त्वरित सुनवाई की जाए. उन्होंने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार योजना चला रही है, वहीं दूसरी तरफ बहन बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. कुछ राज्यों को निशाना बनाकर महिलाओं के खिलाफ अपराध पर राजनीति की जा रही है.

पुलिस एक्शन पर राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने सरकार की आलोचना की. अंबादास दानवे ने सरकार और पुलिस पर निशाना साधा और घोषणा की कि उनकी पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगी.
 

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