महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजों से पहले ही राज्य में हलचल तेज, शरद पवार की उम्मीदवारों से अर्जेंट मीटिंग

Share on Social Media

मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजों से पहले ही राज्य में हलचल तेज है। महाविकास अघाड़ी और महायुति दोनों ही गठबंधन हंग असेंबली की संभावनाओं को लेकर अलर्ट हैं और पहले से ही अपने खेमे को साधने के अलावा दूसरे गुट में सेंध का प्लान बना रहे हैं। इस बीच सीनियर लीडर शरद पवार ने अपनी पार्टी के कैंडिडेट्स के साथ एक अर्जेंट मीटिंग की है। उन्होंने पार्टी के सभी प्रत्याशियों के साथ ऑनलाइन मीटिंग की, जिसमें सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल जैसे सीनियर लीडर भी जुड़े थे। शरद पवार ने मीटिंग में कहा कि सभी उम्मीदवार अपनी जीत का ऐलान होने के तुरंत बाद मुंबई पहुंचें। इस तरह उन्होंने सभी को बांधे रखने की कोशिश की है।

यही नहीं सूत्रों का कहना है कि शरद पवार ने पार्टी के कई सीनियर नेताओं को जिम्मेदारी दी है कि वे निर्दलियों के संपर्क में रहें और यदि टाइट फाइट के हालात रहें तो उन्हें साथ लाया जाए। मीटिंग में शरद पवार ने भरोसा जताया कि महाविकास अघाड़ी को 157 सीटें मिल जाएंगी और आसानी से सरकार बन सकती है। वहीं मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे भी ऐक्टिव हैं। उन्होंने अपने कई नेताओं को आदेश दिया है कि निर्दलीय और वंचित बहुजन अघाड़ी जैसे छोटे दलों के संपर्क में रहें। उनका कहना है कि खासतौर पर उन बागी नेताओं से संपर्क में रहें, जो समान विचारधारा वाले हैं, लेकिन टिकट कटने के चलते निर्दलीय ही लड़ गए थे।

यही नहीं भाजपा की सक्रियता भी बढ़ गई है। भाजपा के नेता चाहते हैं कि इस बार सीएम उनका ही रहे और यदि महायुति जीता तो फिर एकनाथ शिंदे की जगह देवेंद्र फडणवीस को मौका मिलना चाहिए। ऐसी स्थिति में महायुति के अंदर भी एक होड़ है कि किसके पास ज्यादा समर्थन रहेगा। खबर है कि देवेंद्र फडणवीस पूरे राज्य के ही नेताओं के संपर्क में हैं। पालघर, पश्चिम महाराष्ट्र, विदर्भ, मराठवाड़ा, उत्तर महाराष्ट्र के नेताओं के वह लगातार संपर्क में बने हुए हैं।

भाजपा को अपने दम पर 100 सीटों पर जीत का भरोसा
भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी को अपने ही दम पर 100 सीटों की उम्मीद है। ऐसे में कुछ निर्दलीय, मनसे, वंचित बहुजन अघाड़ी जैसे छोटे दलों के समर्थन से वह अपनी ताकत बढ़ाने पर फोकस करेगी। भाजपा नेताओं की रणनीति है कि अपनी सीटों के अलावा निर्दलीय और छोटे दलों के समर्थन से ही करीब 125 सीटों का जुगाड़ कर लिया जाए। ऐसी स्थिति में एकनाथ शिंदे पर निर्भरता कम होगी और अपना सीएम बनाने के लिए दावेदारी की जा सकेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *