प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस में प्राध्यापकों की अधिकता के चलते MP में अतिथि विद्वानों को हटाया जाएगा

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भोपाल
प्रदेश भर के अधिकतर प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस में प्राध्यापकों की अधिकता हो गई है। अब वहां पहले से काम कर रहे अतिथि विद्वानों को वहां से हटाने की तैयारी हो रही है। उन्हें हटाकर दूसरे महाविद्यालयों में भेजा जाना है। उच्च शिक्षा विभाग ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

प्रदेश भर में 52 महाविद्यालयों इस सत्र में प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस घोषित कर दिया गया। इस योजना के तहत इन महाविद्यालयों को गुणवत्तापूर्ण माहौल देने के लिए सर्वसुविधायुक्त बनाया जा रहा है। इसी के तहत यहां रिक्त पदों पर दूसरे सामान्य महाविद्यालयों से प्राध्यापकों को लाकर भर्ती किया गया।

इसके लिए विभागीय स्तर पर आवेदन और साक्षात्कार हुए थे। इस प्रक्रिया की वजह से उन महाविद्यालयों में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त हो गई।
ऐसे में उन 500 अतिथि विद्वानों के पास कोई काम नहीं बचा जो पिछले कई वर्षों से वहां पढा रहे थे।
इनमें से कई अतिथि विद्वान अपने गृह क्षेत्र से 200-300 किलोमीटर दूर के महाविद्यालयों में काम कर रहे हैं।
उन्हें 20 से 25 जनवरी के बीच अपनी रुचि के महाविद्यालय का विकल्प चुनना होगा।28 जनवरी तक उन्हें नए महाविद्यालयों का आवंटन कर दिया जाएगा।
ऐसा होने के बाद उन्हें 31 जनवरी तक कार्यभार ग्रहण कर पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।

दूसरे अतिथि विद्वान भी मांग रहे मौका
इस व्यवस्था के लागू होते ही विरोध भी होने लगा है। सामान्य और स्वशासी महाविद्यालयों के अतिथि विद्वान भी इस तरह का मौका मांगने लगे हैं।
उनका कहना है कि सभी अतिथि विद्वानों की स्थिति एक जैसी है। ऐसे में सबको समान अवसर मिलना चाहिए। प्रदेश भर में 4500 अतिथि विद्वान हैं।

साक्षात्कार में शामिल नहीं होने वाले शिक्षकों को हटाया जाएगा
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस व स्वशासी कालेजों में प्राध्यापक, सह प्राध्यापक व सहायक प्राध्यापकों को नए सिरे से आवेदन और साक्षात्कार के बाद पदस्थ किया था।
उन महाविद्यालयों में पहले से पढ़ा रहे ऐसे नियमित प्राध्यापक जिन्होंने इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया वे भी अब हटाए जाएंगे।
कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में वही अध्यापन करेगा जो विभाग की तय प्रक्रिया को पूरा करके आया है।

 

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