म.प्र. के 267 विकासखंडों के 11 हजार 377 गांवों का होगा कायाकल्प

Share on Social Media

भोपाल
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट ने 18 सितंबर 2024 को जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों/समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिये एक बड़ा कदम उठाया है। केन्द्रीय कैबिनेट ने कुल 79 हजार 156 करोड़ रूपये बजट परिव्यय से प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (पीएमजेयूजीए) को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान में मध्यप्रदेश के 51 जिलों के 267 विकासखण्डों के 11 हजार 377 जनजातीय बहुल गांवों को कवर किया जायेगा। मध्यप्रदेश के 18 लाख 58 हजार 795 जनजातीय परिवारों और 93 लाख 23 हजार 125 जनजातीय आबादी को इस अभियान का सीधा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनजातीय समाज के आर्थिक सशक्तिकरण, सर्वसमावेशी विकास और इस समुदाय के समग्र उत्थान के लिये प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी देने के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन कर आभार व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान में केन्द्र सरकार का हिस्सा 56 हजार 333 करोड़ रूपये और राज्यों का हिस्सा 22 हजार 823 करोड़ रूपये होगा। इस अभियान में देश के 63 हजार गांव शामिल किये जायेंगे, जिससे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय आबादी को लाभ मिलेगा। देश के 30 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के 569 जिलों के 2,740 विकासखंडों के सभी जनजातीय बहुल गांव इस अभियान में शामिल किये गये हैं।

अभियान का लक्ष्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के जरिये गांवों के सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में वर्गीय असमानता को कम करना और जनजातीय क्षेत्रों व समुदायों का समग्र व सतत् विकास सुनिश्चित करना है। अभियान में 25 प्रकार की नागरिक सेवायें/सुविधाएं शामिल की गई हैं, जिन्हें केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय सहित 17-लाइन मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किया जायेगा। यह सभी मंत्रालय/विभाग अनुसूचित जनजातियों के लिये अपनी-अपनी विकास कार्ययोजना (डीएपीएसटी) के तहत उन्हें दी गई बजट राशि से अगले 5 सालों (वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29) में तय लक्ष्यों पर चरणबद्ध रूप से काम करेंगे। यह सभी मंत्रालय जनजातीय वर्ग के कल्याण से संबंधित उनकी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये जिम्मेदार भी होंगे।

अभियान के हैं चार प्रमुख लक्ष्य
अभियान में केन्द्र सरकार द्वारा 4 प्रमुख लक्ष्य तय किये गये हैं। इसमें सभी पात्र जनजातीय परिवारों को पक्का घर एवं उनके गांवों के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जायेगा। कौशल विकास उद्यमिता संवर्द्धन और स्वरोजगार के जरिये जनजातीय समुदायों के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जायेगा। जनजातीय वर्ग के बच्चों की अच्छी शिक्षा तक पहुंच का लोकव्यापीकरण तथा स्वस्थ जीवन और सम्मानजनक वृद्धावस्था यापन के लिये समुचित व्यवस्था करना भी इस अभियान के लक्ष्यों में शामिल है।

अभियान का उद्देश्य
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का प्रमुख उद्देश्य जनजातीय होम स्टे कार्यक्रम, वनाधिकार पत्र धारकों के लिये समर्थन, सिकल सेल एनीमिया रोग का उन्मूलन, 4 जी मोबाइल कनेक्टिविटी तथा डिजिटल पहल जैसे अभिनव प्रयासों को बढ़ावा देना है। अभियान की भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी पीएम गतिशक्ति मंच पर की जायेगी। अभियान में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कृत भी किया जायेगा।

केन्द्र सरकार की भूमिका
अभियान में हो रहे कामकाज की निगरानी और क्रियान्वयन के लिये नीति निर्धारण और दिशा-निर्देश तय करने केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार समिति गठित की जायेगी। अभियान में बुनियादी ढांचे की मंजूरी और निर्माण की प्रगति की निगरानी और संचालन संबंधी दिशा-निर्देशों की समीक्षा के लिये जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में मिशन संचालन समिति काम करेगी।

राज्य सरकार की भूमिका
अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिये राज्य स्तर पर मुख्य सचिव सभी संबंधित विभागों के प्रमुख सचिवों के साथ बैठक करेंगे। प्रमुख सचिव अभियान की क्रियान्वयन योजना को अंतिम रूप देने के लिये जिला कलेक्टर्स के साथ बैठक कर उन्हें संवेदनशील बनायेंगे। राज्य स्तर पर इस योजना को राज्य स्तरीय कार्यपालिक समिति (एसएलईसी) द्वारा अनुमोदित किया जायेगा।

केन्द्र सरकार के 17 मंत्रालय/विभाग अपनी विभागीय सेवाओं/सुविधाओं से जनजातीय समुदाय को जोड़ने और उनके विकास की दिशा में अतिरिक्त सक्रियता से कार्य करेंगे। अभियान में ग्रामीण विकास, जलशक्ति, विद्युत, नवीन और नवकरणीय ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, महिला और बाल विकास, शिक्षा, आयुष, कौशल विकास और उद्यमिता, इलेक्ट्रानिक्स विकास और सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि और किसान कल्याण, पंचायती राज, पर्यटन तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय सहित दूरसंचार, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग को अपनी विभागीय सेवायें देने शामिल किया गया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *