भारत के कई राज्यों की महिलाएं हैं सबसे ज्यादा मोटी? दिल्ली वाले भी हो जाएं सावधान

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नई दिल्ली

भारत के दक्षिणी राज्यों की महिलाओं में मोटापा (ओबेसिटी) तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिए हैदराबाद की काउंसिल ऑफ सोशल डेवलपमेंट ने एक स्टडी भी की है। रिसर्चर्स का कहना है कि तमिलनाडु में सबसे ज्यादा महिलाएं मोटापे की शिकार हैं। वहीं, तेलंगाना में सबसे कम औरतें मोटापे के दायरे में आती हैं।

120 जिलों की महिलाओं पर स्टडी इस शोध के लिए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) 4 और 5 के डेटा की तुलना की गई। यह आंकड़े 2019 से 2021 तक के थे। स्टडी में 15 से 49 साल की महिलाओं की जानकारी का आकलन किया गया। इसके लिए तेलंगाना के 31 जिले, कर्नाटक के 30, आंध्र प्रदेश के 13, केरल के 14 और तमिलनाडु के 32 जिले शामिल किए गए।

 चंडीगढ़ की महिलाएं उत्तर भारत में सबसे ज्यादा मोटापे की शिकार हैं। खराब लाइफस्टाइल के कारण चंडीगढ़ में 41%, पंजाब में 31 व हरियाणा में 21% महिलाओं में मोटापे की समस्या है। इन आंकड़ों को पंजाब यूनिवर्सिटी के डॉ. एसएसबी यूआईसीईटी ऑडिटोरियम में नीति आयोग के सदस्य व मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन प्रोफेसर विनोद पाल ने शेयर किया। वे पीयू में क्लोकियम सीरीज के तहत पंहुचे थे।

60% फीमेल व 30% मेल में हीमोग्लोबिन की कमी : डॉ. पॉल ने कहा कि चीन की औसत उम्र 37 व जापान की 48 है। भारत की औसत आयु 29 साल है और लगभग आधों की उम्र 25 से नीचे है। देश के निर्माण करने वाली इस आबादी की सेहत चिंता का विषय है। 60% फीमेल और 30% मेल में हीमोग्लोबिन की कमी है। जिससे दौरे पड़ना, डिप्रेशन, टांगों में दर्द, जल्दी ठंड लगना, बालों का गिरना व नाखूनों का टूटना आदि समस्याएं होती हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए रेगुलर टेस्ट व मेडिकेशन जरूरी है।

18 से 30 की उम्र के 9 प्रतिशत युवा टेंशन के शिकार : चंडीगढ़ में हुए सर्वे का हवाला देते हुए बताया कि  करीब 45 फीसदी किशोरों में साइकोलॉजिकल समस्याएं पाई गई हैं। लगभग ढाई हजार स्टूडेंट्स पर किए गए सर्वे का नतीजा बताता है कि छह फीसदी स्टूडेंट्स को आत्महत्या के ख्याल आते हैं और 0.39 यानी आठ स्टूडेंट्स ने आत्महत्या की कोशिश भी की। इस टेंशन का बड़ा कारण रहा क्लास और पढ़ाई का बर्डन, मां का कामकाजी होना, पढ़ाई, पीयर प्रेशर, भविष्य और पेरेंट्स के साथ रिश्ता।

यूजीसी की रिपोर्ट कहती है कि 18 से 30 की उम्र में 9 परसेंट युवा टेंशन के शिकार हैं। उन्होंने इसके लिए परिवार को ऐसी समस्याओं से बचाने के कुछ साइन भी बताए। चंडीगढ़ की 41.4 फीसदी महिलाएं मोटापे की शिकार हैं, एक-तिहाई पुरुष मोटापे के शिकार हैं, 10 फीसदी महिलाएं और 13 फीसदी पुरुष हाइपरटेंशन के शिकार हैं।

रिसर्चर्स ने पाया कि तमिलनाडु की महिलाओं में मोटापा 9.5% बढ़ा है। साथ ही कर्नाटक और केरल में यह आंकड़ा 6.9% और 5.7% है। तेलंगाना में मोटापे से जूझ रही महिलाओं में इजाफा सबसे कम 2% पर है।

पुरुषों से ज्यादा मोटी हैं महिलाएं स्टडी में यह भी पाया गया कि राष्ट्रीय स्तर पर लगभग एक चौथाई महिलाएं (24%) मोटापे का शिकार हैं। पुरुषों में यह आंकड़ा थोड़ा कम (22.9%) है। शोध ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में रह रही औरतों की भी तुलना की। नतीजे कहते हैं कि शहरों में रह रही महिलाएं ज्यादा मोटी हैं।

मुस्लिम महिलाओं में मोटापा ज्यादा स्टडी के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा 31.2% क्रिश्चियन महिलाएं मोटापे से ग्रस्त हैं। हालांकि, दक्षिणी राज्यों की बात करें तो यहां मुस्लिम महिलाओं में मोटापा ज्यादा है। रिसर्चर्स के अनुसार यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि राष्ट्रीय औसत के मुकाबले दक्षिणी राज्यों में मोटापा कहीं ज्यादा है।

शोध में जाति के आधार पर भी महिलाओं में मोटापे को एनालाइज किया गया। राष्ट्रीय स्तर पर मोटापा अदर्स में 29.6%, अदर बैकवर्ड क्लास में 24.6%, शिड्यूल्ड कास्ट में 21.6% और शिड्यूल्ड ट्राइब में 12.6% है। नेशनल लेवल पर महिलाओं में मोटापा 3.3% बढ़ गया है।

WHO के अनुसार मोटापा क्या है? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मोटापा ऐसी कंडीशन होती है, जिसमें हमारे शरीर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा हो जाता है। इससे कई गंभीर बीमारियां, जैसे हृदय रोग और टाइप-2 डायबिटीज, होने का रिस्क बढ़ता है।

जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 25 से ज्यादा होता है, उन्हें ओवरवेट कहा जाता है और जिनका BMI 30 से ज्यादा होता है, उन्हें ओबीस (मोटा) कहा जाता है। BMI एक मेट्रिक सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल इंसान के ज्यादा और कम वजन को मापने के लिए किया जाता है।

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