विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रिपोर्ट में भारत में टीबी के मामलों में सुधार की सराहना की, 18% की कमी

Share on Social Media

नई दिल्ली
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में भारत में तपेदिक (टीबी) के मामलों में सुधार की सराहना की है। रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 237 मामलों से घटकर 2023 में यह संख्या 195 हो गई है, जो 18% की गिरावट दर्शाती है। यह वैश्विक गिरावट 8% की तुलना में दोगुनी से अधिक है।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह गिरावट टीबी मामलों की खोज के लिए भारत द्वारा किए गए प्रयासों का परिणाम है। देश भर में 1.7 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं के विकेंद्रीकरण के प्रयास भी इसकी एक वजह हैं।

टीबी से मौतों में कमी
पिछली रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने भारत में टीबी मृत्यु दर को कम किया था, और मौजूदा रिपोर्ट में यह दर्शाया गया है कि टीबी से होने वाली मौतों में भी कमी आई है। यह संख्या 28 प्रति लाख जनसंख्या से घटकर 22 प्रति लाख जनसंख्या तक आ गई है, यानी 21% की गिरावट।

बजट में वृद्धि
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि टीबी के लिए बजट आवंटन में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2015 में 640 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 3,400 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि टीबी कार्यक्रम के लिए अधिकांश धन सरकारी संसाधनों से आता है।

तकनीकी प्रगति
केंद्र सरकार ने टीबी के व्यापक प्रयोगशाला नेटवर्क के पूरक के लिए 800 से अधिक एआई-सक्षम पोर्टेबल चेस्ट एक्स-रे मशीनें खरीदने का फैसला किया है। यह दुनिया का सबसे बड़ा टीबी प्रयोगशाला नेटवर्क है, जिसमें 7,767 त्वरित आणविक परीक्षण सुविधाएं और 87 संस्कृति तथा दवा संवेदनशीलता परीक्षण प्रयोगशालाएं शामिल हैं।

भारत ने टीबी नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए
सितंबर में, सरकार ने अपने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत मल्टीड्रग-रेसिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस (एमडीआर-टीबी) के लिए एक नए उपचार योजना 'बीपीएएलएम' की शुरुआत की, जो कम समय में अधिक प्रभावी है। 2024 के पहले नौ महीनों में, भारत ने 19.8 लाख टीबी रोगियों की रिपोर्ट की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4% की वृद्धि है। इस प्रकार, भारत ने टीबी नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे टीबी के मामलों में कमी और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *