उमा भारती ने साध्वी प्रज्ञा को बताया ‘मसीहा’, बोलीं- इनकी तपस्या मुझसे बड़ी
भोपाल
राजधानी भोपाल में आज बहुत सुखद दृश्य दिखाई दिया, दो साध्वी, दो भगवा वस्त्रधारी बहनों का मिलन मीडिया के कैमरों में कैद हुआ, अवसर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के मिलन का था, उमा भारती प्रज्ञा सिंह ठाकुर से मिलने उनके निवास पर पहुंची थी।
मालेगांव बम ब्लास्ट के आरोपी के रूप में 17 साल तक मानसिक, शारीरिक और सामाजिक यातनाएं झेलने के बाद पिछले दिनों जब साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को NIA अदालत ने दोषमुक्त किया तो हिन्दू समाज में ख़ुशी की लहर दौड़ गई, सनातन और भगवा में आस्था रखने वालों ने इसे भगवा और हिंदुत्व की जीत बताया।
प्रज्ञा सिंह ठाकुर से मिलकर भावुक हुई उमा भारती
जिस दिन प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अदालत ने बरी किया उस दिन उमा भारती की आँखों में आंसू थे और आज जब वे उनसे मिलने पहुंची तब भी भावुक थीं, निवास पर पहुँचते ही उमा भारती ने माला पहनाकर साध्वी प्रज्ञा का सम्मान किया और गले लगाकर उनका माथा चूम लिया।
मैं साध्वी नहीं, दीदी प्रज्ञा का तप बहुत बड़ा
मीडिया ने जब इस मिलन को दो बहनों, दो साध्वियों का मिलन कहा तो उमा भारती ने टोकते हुए कहा मैं बड़ी बहन जरूर हूँ लेकिन साध्वी नहीं हूँ, मैंने अपने गुरु से सिर्फ सन्यास लिया है लेकिन दीदी प्रज्ञा का तप उनकी तपस्या बहुत बड़ी है वे मेरी मसीहा हैं।
साजिश रचने वालों पर चले देशद्रोह का मुकदमा
उमा भारती ने कहा जिस तरह हिंदुत्व को, भगवा को बदनाम करने की साजिश रची गई उसका पर्दाफाश हो गया, मालेगांव बम ब्लास्ट की साजिश बेनकाब हो गई, एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा जिन्होंने ये किया साध्वी प्रज्ञा सिंह को यातनाएं दी उन्हें झूठा फंसाया, उनके लिए क्या क़ानूनी प्रक्रिया है ये मैं नहीं जानती लेकिन मेरा मानना है ये साजिश रचने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।
उमा दीदी ने मेरे लिए वो किया जो कोई पुरुष नहीं कर सका
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा मुझे हमेशा एक बड़ी बहन की तरह उमा दीदी का प्यार और स्नेह मिला है , ये हमेशा से भगवा और हिंदुत्व के लिए संघर्ष करती रही है ये मुझसे मिलने एम्स आई थी, नासिक जेल, भोपाल जेल भी आई है, जो कोई पुरुष नहीं कर सका वो इन्होने किया, इनका आशीर्वाद मुझे मिला है मैं कृतज्ञ हूँ।