20 साल की सेवा के बाद वीआरएस लेने वालों को आनुपातिक पेंशन का अधिकार: सरकार

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नई दिल्ली

कार्मिक मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि हाल ही में अधिसूचित नियमों के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारी 20 साल या उससे अधिक की सेवा पूरी करने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुनने पर एक सुनिश्चित भुगतान यानी पेंशन पाने के हकदार हैं।

2 सितंबर को पेंशन व पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने जारी किया राजपत्र
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने 2 सितंबर को आधिकारिक राजपत्र में केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत एकीकृत पेंशन योजना का कार्यान्वयन) नियम, 2025 को अधिसूचित किया है। इससे एनपीएस के तहत यूपीएस को एक विकल्प के रूप में चुनने वाले केंद्र सरकार के कर्मियों को मिलने वाले लाभ से जुड़े सेवा मामलों को विनियमित किया जा सकेगा। ये नियम अन्य बातों के साथ-साथ यूपीएस उपभोक्ताओं को 20 वर्ष की सेवा पूरी होने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प देते हैं।

25 वर्ष की सेवा पूरी होने के बाद ही मिलेगी सुनिश्चित भुगतान की सुविधा
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "एकीकृत पेंशन योजना के तहत पूर्ण सुनिश्चित भुगतान 25 वर्ष की सेवा पूरी होने के बाद ही उपलब्ध होता है। हालांकि, 20 वर्ष या उससे अधिक की सेवा पूरी करने के बाद वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) चुनने पर, आनुपातिक आधार पर सुनिश्चित भुगतान अर्थात अर्हक सेवा के वर्ष को सुनिश्चित भुगतान के 25 से विभाजित करके ग्राहक को भुगतान किया जाएगा।"

रिटायरमेंट की तारीख से देय होगी राशि
मंत्रालय ने कहा है कि यह भुगतान सेवानिवृत्ति की तिथि से देय होगा। बयान में कहा गया है, "अन्य लाभ जैसे व्यक्तिगत कोष का 60 प्रतिशत अंतिम निकासी और प्रत्येक छह माह की सेवा अवधि के लिए मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 1/10वां हिस्सा एकमुश्त लाभ, सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, सीजीईजीआईएस (केंद्र सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना) लाभ सेवानिवृत्ति पर प्राप्त किए जा सकते हैं।" इसके अलावा, वीआरएस लेने के बाद लेकिन सुनिश्चित भुगतान शुरू होने से पहले ग्राहक की मृत्यु होने की स्थिति में, कानूनी रूप से विवाहित पति या पत्नी को ग्राहक की मृत्यु की तारीख से पारिवारिक भुगतान दिया जाएगा।

इस संशोधन का स्वागत करते हुए अखिल भारतीय एनपीएस कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने कहा कि यह सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, विशेषकर अर्धसैनिक बलों के कर्मियों के लिए बहुत जरूरी कदम है, जो बहुत कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। पटेल ने कहा, "इससे उन सभी कर्मचारियों को मदद मिलेगी जो 20 साल की नियमित सेवा पूरी करने के बाद विभाग में सेवा देने में असमर्थ हैं।"

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