किराये के शिक्षकों से करवाते थे शिक्षण कार्य, कलेक्टर ने पांच अध्यापकों को किया सेवा से बर्खास्त
सागर
शासकीय विद्यालयों में भाड़े के शिक्षक रखने वाले पांच शिक्षकों को कलेक्टर संदीप जीआर द्वारा कड़ी कार्रवाई करते हुए बर्खास्त किया गया है। कलेक्टर के आदेश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने यह कार्रवाई की है। कलेक्टर ने बताया कि गत महीनों में प्रशासन को विभिन्न समाचार माध्यमों से सूचना मिली थी कि जिले के अलग-अलग विद्यालयों में पांच शासकीय शिक्षक अपने स्थान पर भाड़े के शिक्षक रखकर शैक्षणिक कार्य करा रहे हैं। और इन समाचारों को आधार बना कर ऐसे शिक्षकों की जब जांच कराई गई तो यह आरोप सही पाए गए जिसके आधार पर सभी पांच शिक्षकों को बर्खास्त करने की कार्रवाई की गई है।
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद जैन ने बताया कि कलेक्टर संदीप जीआर के अनुमोदन के पश्चात् यह कार्रवाई की गई जिसमें सभी शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की जाकर उन्हें बर्खास्त किया गया है।
इन शिक्षकों को किया गया बर्खास्त
मामले में अनिल मिश्रा प्राथमिक शिक्षक शा.प्रा. शा. रहली विकास खण्ड जैसीनगर जिला सागर, जानकी तिवारी प्राथमिक शिक्षक शास.एकी. माध्यमिक शाला बंजरिया विकास खण्ड जैसीनगर, अवतार सिंह ठाकुर प्राथमिक शिक्षक शा.प्रा.शा. कजरई विकास खण्ड खुरई, रूपसिंह चढ़ार प्राथमिक शिक्षक शास. एकी. माध्य. शाला भेलैया विकास खण्ड मालथौन और इन्द्र विक्रम सिंह परमार प्राथमिक शिक्षक शा.प्रा.शा.मंझेरा विकास खण्ड मालथौन पर कार्रवाई की गई है।
इनसे करवाते थे शिक्षण कार्य
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी सेवा समाप्ति आदेश के अनुसार शिक्षकों की जांच हेतु जांच दल गठित किया गया। जांच दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन का परीक्षण करने पर पाया गया कि शास. प्राथमिक शाला रहली विकास खण्ड जैसीनगर में पदस्थ अनिल मिश्रा प्राथमिक शिक्षक संस्था से अनुपस्थित पाए गए तथा संस्था के छात्रों द्वारा बताया गया कि अनिल मिश्रा सप्ताह में एक बार उपस्थित होते हैं एवं अपने स्थान पर भगवान दास सकवार को शैक्षणिक कार्य हेतु भाड़े पर रखा गया है। इसी प्रकार शास.एकी. माध्यमिक शाला बंजरिया विकास खण्ड जैसीनगर में पदस्थ जानकी तिवारी ने गोकल प्रसाद प्रजापति को, शासकीय प्राथमिक शाला कजरई विकास खण्ड खुरई में पदस्थ अवतार सिंह ठाकुर ने राहुल पंडित को, शासकीय एकीकृत माध्यमिक शाला भेलैया विकास खण्ड मालथौन में पदस्थ रूपसिंह चढ़ार ने विक्रम सिंह लोधी को एवं शासकीय प्राथमिक शाला मंझेरा विकास खण्ड मालथौन में पदस्थ इन्द्र विक्रम सिंह परमार ने ममता अहिरवार को अपने स्थान पर विद्यालय में शैक्षणिक कार्य हेतु भाड़े पर रखा हुआ था।
जांच प्रतिवेदन निष्कर्ष अनुसार शासकीय गवाहों, प्रस्तुत अभिलेखों एवं तर्कों के आधार पर यह पाया गया है कि उक्त पांचों शिक्षक अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह हैं तथा संस्था में सप्ताह में एक दिन उपस्थित होते हैं एवं अपने स्थान शैक्षणिक कार्य हेतु भाड़े पर शिक्षकों को रखा है। उक्त शिक्षकों की विभागीय जांच के दौरान भी शासकीय साक्षियों द्वारा अभिलेख सहित पुष्टि की गई। जांचकर्ता अधिकारी के अभिमत अनुसार उक्त शिक्षकों का यह कृत्य गंभीर कदाचरण, स्वैच्छाचारिता, शासकीय लोक सेवक के प्रतिकूल एवं आपराधिक श्रेणी का है, जो मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) 1965 के प्रावधानों के विपरीत होकर मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियत्रंण तथा अपील) नियम 1966 के तहत दण्डनीय भी है।