बयान पर मचा बवाल, साध्वी ऋतंभरा ने मांगी माफी – कहा ‘मैं भी इंसान हूं

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नई दिल्ली

साध्वी ऋतंभरा ने हाल ही में महिलाओं को लेकर ऐसा बयान दिया था जिससे उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने महिलाओं के अश्लील वीडियो बनाने पर टिप्पणी की थी और कहा था कि ऐसे वीडियो देखकर उन्हें शर्म आती है। हालांकि अब उन्होंने इस टिप्पणी को लेकर माफी मांगी है। उन्होंने कहा है कि अगर किसी को उनकी बातों से ठेस पहुंची है, तो वह माफी मांगती हैं, लेकिन फिर भी उन्हें लगता है कि उन्हें यह कहने का अधिकार है क्योंकि वह अपने प्रियजनों से घिरी हुई थीं। उन्होंने ये भी कहा कि मैं इंसान हूं और मुझसे गलती हो गई।

साध्वी ऋतंभरा ने ये टिप्पणी तीन महीने पहले एक सभा में की थी। उनका अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। उन्होंने कहा था,हिंदू महिलाएं, हे भगवान! मुझे उन्हें देखकर शर्म आती है। क्या तुम पैसा कमाओगी? क्या तुम न्यूड होकर पैसा कमाओगी? गंदे डांस करके, गंदे गाने गाकर? मुझे समझ नहीं आता कि उनके पति, उनके पिता इसे कैसे स्वीकार करते हैं? उन्होंने आगे कहा था, लोगों को शालीनता से जीवन जीना चाहिए। भारत की महिलाओं, मेरे ऐसा कहने पर बुरा मत मानना।
माफी मांगते हुए क्या बोलीं साध्वी ऋतंभरा

 साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि उनका मानना है कि परिवार और राष्ट्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और वह महिलाओं को निशाना नहीं बना रही थीं, बल्कि उनकी शक्ति में आशा जगा रही थीं, लेकिन अनियंत्रित होना स्वतंत्रता नहीं कहा जा सकता। अनुशासनहीन होना अनुशासित होना नहीं है। यह मेरा स्वभाव है। जब मेरा दर्द एक हद तक पहुंच जाता है, तो मैं इसे अपने प्रियजनों के साथ शेयर करती हूं। यह एक पुराना वीडियो है, जो वायरल हो गया है। मैं यह कहना चाह रही थी कि एक राष्ट्र अपने नागरिकों के व्यवहार से महान बनता है।

वहीं जब उनसे ये पूछा गया कि पुरुषों के लिए ऐसा क्यों नहीं कहा गया, साध्वी ऋतंभरा ने कहा, अगर मेरी भावनात्मक टिप्पणियों से महिलाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं जरूर माफ़ी मांगूंगी। लेकिन जब आप अपनों के बीच होते हैं, तो आप यह सोचकर बोलते हैं कि उन पर आपका अधिकार है। मुझे उन लोगों से प्यार है जो टूट गए हैं, लेकिन जब आप इस तरह का अनर्गल व्यवहार देखते हैं, तो दुख होता है। मैं भी इंसान हूं, मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था, शायद अगर मैंने 'निरावरण', 'निर्वस्त्र' या 'संस्कारों से भरा' कहा होता। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय नृत्य बहुत अच्छा है, लेकिन जो रील में दिखाया जाता है, वह अच्छा नहीं लगता।

उन्होंने कहा, अभद्र व्यवहार अच्छा नहीं लगता और कुछ महिलाएं ऐसा करती हैं, तो सभी महिलाओं का नाम खराब होता है। आध्यात्मिक गुरु ने आगे कहा, मैंने जो कहा वह सभी हिंदू महिलाओं के लिए नहीं था। मैं भाषण के फेलो कुछ कहना भूल गई होंगी। मैं एक साधारण इंसान हूं, मुझसे गलती हो गई।

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