अरपा भैंसाझार परियोजना से 25000 हेक्टयर (खरीफ) क्षेत्रफल सिंचित होने की हैं योजना: कश्यप

Share on Social Media

रायपुर

अरपा भैंसाझार परियोजना से कुल 25000 हेक्टयर (खरीफ) क्षेत्रफल सिंचित होने की योजना है। तखतपुर विकासखण्ड के कुल 22 ग्रामों एवं बिल्हा विकासखण्ड के 31 ग्रामों में कुल 53 ग्रामों में सिंचाई नहीं हो पा रही है। इसके साथ ही ग्राम सैदा में अवरोधित क्षेत्र में नहर निर्माण हेतु संबंधित कृषक एवं अन्य कृषकों के भू-अर्जन हेतु मुआवजा विवादों का निराकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। यह बातें विधानसभा में विधायक अटल श्रीवास्तव के द्वारा तारांकित प्रश्नकाल में पूछे गए सवाल के जवाब में वन मंत्री केदार कश्यन ने दिए।

उन्होंने बताया कि अरपा भैंसाझार परियोजना से कुल 25000 हेक्टयर (खरीफ) क्षेत्रफल सिंचित होने की योजना है। परियोजना से बिलासपुर जिले के कोटा विकासखण्ड के 01 ग्राम, तखतपुर विकासखण्ड के 70 ग्राम एवं बिल्हा विकासखण्ड के 31 ग्रामों कुल लाभान्वित ग्राम की संख्या 102 हैं। अरपा भैंसाझार परियोजना दिनांक 13.09.2013 को अनुबंध कर प्रांरभ की गई है एवं वर्तमान में परियोजना निमार्णाधीन है। परियोजना की लागत राशि रू.1141.90 करोड़ है। अरपा भैंसाझार परियोजना में 25/11/2024 तक परियोजना के निर्माण कार्य हेतु रू. 317.59 करोड़, वनभूमि हेतु रू. 104.10 करोड़, भू-अर्जन मुआवजा हेतु रू. 577.00 करोड़ भू-अर्जन अधिकारी को जमा किया गया है, मुख्य नहर के रेल्वे क्रासिंग के निर्माण हेतु रेल्वे विभाग को रु. 2.76 करोड़ पर्यावरण संबंधी कार्यों में रू. 26.04 करोड़, वि./यां कार्य हेतु रू. 0.09 करोड़, पर्यावरण अध्ययन एवं विविध व्यय में रू. 19.18 करोड़, कुल राशि रू. 1046.76 करोड़ व्यय किया जा चुका है। अनुबंधानुसार कार्य एजेन्सी को 25000 हेक्टेयर रकबा में खरीफ सिंचाई करना था, जिसके परिपालन में ठेकेदार द्वारा वर्ष 2023-24 में कोटा एवं तखतपुर विकासखण्ड के कुल 49 ग्रामों में कुल 12970 हेक्टयर में सिंचाई की गई है। वर्ष 2024-25 में कोटा एवं तखतपुर विकासखण्ड के कुल 48 ग्रामों में कुल 12000 हेक्टेयर में खरीफ की सिंचाई की गई है। योजना में प्रस्तावित तखतपुर विकासखण्ड के कुल 22 ग्रामों एवं बिल्हा विकासखण्ड के 31 ग्रामों में कुल 53 ग्रामों में सिंचाई नहीं हो पा रही है।

मंत्री कश्यप ने सदन को बताया कि परियोजना से शेष ग्रामों में सिंचाई हेतु ग्राम सैदा में अवरोधित क्षेत्र में नहर निर्माण हेतु संबंधित कृषक एवं अन्य कृषकों के भू-अर्जन हेतु मुआवजा विवादों का निराकरण करने का प्रयास किया जा रहा है एवं शेष नहर निर्माण कार्यों को पूर्ण करने हेतु संबंधित ठेकेदार को नवमी समयावृद्धि प्रदाय कर कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *