धरती से दिख रहा है दूसरा चांद… दो महीने तक देगा आसमान में रहेगा मिनी मून, क्या भारत से भी दिखेगा?

Share on Social Media

वॉशिंगटन
धरती से इस समय एक दूसरा चांद भी देखा जा सकता है, यानी दो चांद देखे जा सकते हैं। अगले दो महीने यानी नवंबर के आखिर तक ये मिनी-मून धरती की परिक्रमा करेगा। ये मिनी मून एक एस्टेरॉयड है, जिसका नाम 2024 पीटी5 है। यह एस्टेरॉयड रविवार को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में आ गया है। इसके दो महीने तक पृथ्वी की परिक्रमा करने की उम्मीद है, ये 25 नवंबर तक हमारे ग्रह का चक्कर लगाएगा।

एस्टेरॉयड 2024 पीटी5 करीब 10 मीटर चौड़ा है और वैज्ञानिकों ने इसे पहली बार अगस्त में स्पेन में खोजा था। 2024 पीटी5 एस्टेरॉयड के एक समूह का हिस्सा है, जिसे अर्जुन क्षुद्रग्रह बेल्ट कहा जाता है, जो पृथ्वी की तरह ही सूर्य के चारों ओर यात्रा करता है। इस तरह के मिनी मून बहुत दुर्लभ भी नहीं हैं। 2020 में भी एक मिनी मून देखा गया था।
क्या आप भारत से देखा जा सकेगा ये दूसरा चांद?

अंतरिक्ष में इस समय एक नहीं दो चंद्रमा दिख रहे हैं लेकिन इस दूसरे चांद को कोई भी रात में नहीं देख सकता है। मिनी मून को कोई भी नंगी आंखों से नहीं देख पाएंगा। यहां तक कि नियमित दूरबीनें भी इसे नहीं खो पाएंगी। इसके आकार और धुंधली उपस्थिति के कारण केवल बड़े, पेशेवर-श्रेणी के टेलीस्कोप से ही 2024 PT5 की झलक देख सकते हैं।

ऐसे में आम लोगों के लिए इसे देखना तकरीबन नामुमकिन है। आम लोगों को इसे देखने के लिए ऑब्जर्वेटरी से आने वाली तस्वीरों का इंतजार करना होगा। यह मिनी मून उस वैज्ञानिक सिद्धांत को मजबूत करता है तो कहता है कि पृथ्वी के आसपास अतंरिक्ष में बहुत सी वस्तुएं लगातार तैर रही हैं, जिनमें सो कुछ को ही देखा जा सकता है।

मिनी-मून क्या होता है?

मिनी-मून बेहद दुर्लभ होते हैं। ये एस्टेरॉयड आमतौर पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की वजह से ग्रह की कक्षा में 10 से 20 वर्षों में एक बार ही आते हैं। हालांकि हाल के वर्षों में सामने आया है कि ये एक्सोस्फीयर में रह सकते हैं, जो पृथ्वी की सतह से लगभग 10,000 किमी ऊपर है। औसतन मिनी-मून कुछ महीनों से लेकर दो साल तक पृथ्वी की कक्षा में रहते हैं। इसके बाद ये पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव से अलग हो जाते हैं।

वैज्ञानिक इस बात के लिए भी निश्चित नहीं हैं कि यह क्षुद्रग्रह केवल अंतरिक्ष चट्टान का एक टुकड़ा है या फिर चंद्रमा का एक टुकड़ा है, जो बहुत पहले टूट गया था। दिलचस्प बात यह है कि इस लघु चंद्रमा के 2055 में फिर से पृथ्वी के पास से गुजरने की उम्मीद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *