पाकिस्तान को सबक सिखाने सरकार की नई रणनीति तैयार, अब ड्रोन बनेगा वार का हथियार

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नई दिल्ली 
भारत सरकार ने ड्रोन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए नया बड़ा कदम उठाया है। पाकिस्तान को लेकर बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के बीच, सरकार ने लगभग 1,950 करोड़ रुपए (234 मिलियन डॉलर) की नई योजना शुरू करने का फैसला किया है। इस योजना का उद्देश्य देश में नागरिक और सैन्य ड्रोन बनाने वाली कंपनियों को सहायता देना है, ताकि चीन और तुर्की से मदद पा रहे पाकिस्तान के ड्रोन प्रोग्राम का मुकाबला किया जा सके।

ड्रोन रेस में भारत-पाकिस्तान
मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सीमा विवाद हुआ था, जिसमें दोनों देशों ने बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल किया था। इस घटना ने यह साफ कर दिया कि ड्रोन अब आधुनिक युद्ध का अहम हिस्सा बन गए हैं। ऐसे में भारत ने अपनी ड्रोन निर्माण क्षमता को बढ़ाने की ठानी है।

योजना का मकसद
इस योजना के तहत अगले तीन सालों में ड्रोन, उसके पुर्जे, सॉफ्टवेयर, एंटी-ड्रोन सिस्टम और इससे जुड़ी सेवाओं का निर्माण बढ़ाने के लिए कंपनियों को इंसेंटिव दिया जाएगा। यह योजना पहले से चल रही 120 करोड़ रुपए की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव योजना से बड़ी और व्यापक है। पहले वाली योजना को ज्यादा सफलता नहीं मिली थी, क्योंकि स्टार्टअप्स को फंडिंग और रिसर्च में दिक्कतें आ रही थीं।

2028 तक ड्रोन पुर्जों का स्थानीय निर्माण
सरकार चाहती है कि वित्त वर्ष 2027-28 तक कम से कम 40% महत्वपूर्ण ड्रोन पुर्जे भारत में ही बने। फिलहाल भारत कई ड्रोन पुर्जे, जैसे मोटर, सेंसर और कैमरा सिस्टम चीन से आयात करता है। इस नई योजना से इन पुर्जों का देश में निर्माण बढ़ेगा।

रक्षा सचिव का बयान
रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि सीमा संघर्ष के दौरान दोनों देशों ने ड्रोन और आत्मघाती ड्रोन का इस्तेमाल किया। इससे यह सीख मिली कि हमें स्वदेशी ड्रोन निर्माण को तेजी से बढ़ाना होगा ताकि मजबूत और सक्षम मिलिट्री ड्रोन इंडस्ट्री तैयार हो सके।

ड्रोन आयात पर रोक, पुर्जों पर नहीं
भारत ने ड्रोन के आयात पर रोक लगा दी है, लेकिन उसके पुर्जों को विदेशों से मंगवाया जा सकता है। अब सरकार उन कंपनियों को और लाभ देगी जो पुर्जे भारत से खरीदेंगी। साथ ही, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक कंपनियों को सस्ते लोन और रिसर्च फंडिंग उपलब्ध कराएगा।

ड्रोन कंपनियों को फायदा
इस समय भारत में 600 से ज्यादा कंपनियां ड्रोन या उससे जुड़े उत्पाद बना रही हैं। इस नई योजना से इन कंपनियों को काफी फायदा होगा और वे मजबूत बनेंगी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अगले 12-24 महीनों में ड्रोन क्षेत्र में लगभग 3,900 करोड़ रुपए खर्च कर सकता है।

 

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