मध्यप्रदेश ऑर्चरी एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मनमानी के सामने तरंदाजी के खिलाड़ियों को हार माननी पड़ी

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जबलपुर

मध्यप्रदेश ऑर्चरी एसोसिएशन के पदाधिकारियों, कोच और जिला खेल अधिकारी की मनमानी के सामने तरंदाजी के राष्ट्रीय स्तर के 35 खिलाड़ियों को हार माननी पड़ी। रानीताल की तीरंदाजी एकेडमी को बंद कर दिया गया है। इससे राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी करने वाले खिलाड़ियों के भविष्य पर अंधकार के बादल मंडराने लगे हैं। खिलाड़ियों ने प्रशासनिक अफसरों से मुलाकात की थी। लेकिन, समस्या का समाधान नहीं हुआ।

शहर में कोई ठिकाना नहीं
अफसरशाही की पराकाष्ठा भी इस मामले में नजर आई। जबरन हॉस्टल और एकेडमी को बंद कर दिया गया। खिलाड़ियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। ऐसे में खिलाड़ियों के पास शहर में रुकने के लिए कोई ठिकान नहीं बचा, तो वे अपने-अपने शहर लौट गए।

यह है मामला
ऑर्चरी के सात और 28 राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों ने आरोप लगाया था कि ऑर्चरी एसोसिएशन ऑफ मध्य प्रदेश के पदाधिकारी उन्हें मानसिक प्रताड़ना दे रहे हैं। शिकायत ऑल इंडिया ऑर्चरी एसोसिएशन से की गई है। जांच कमेटी के सामने मप्र एसोसिएशन का चिट्ठा खोला गया, तो उन्हें और परेशान किया जाने लगा। 25 मार्च को एकाएक एकेडमी बंद कर दी गई। जिला खेल अधिकारी आशीष पांडे समेत अन्य ने खिलाड़ियों पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए एफआइआर तक की धमकी दी है।

 पहले दिया था आश्वासन
अंतरराष्ट्रीय ऑर्चरी खिलाड़ी सृष्टी सिंह और रागिनी मार्को समेत अन्य खिलाड़ियों ने बताया कि एडीएम मिशा सिंह से उन्होंने मुलाकात की थी। उन्होंने ने जिला खेल अधिकारी पांडे से बात की। उसके बाद पांडे ने आश्वासन दिया कि ग्राउंड मिलेगा।

 न फोन उठा, न जवाव
इस मामले में जिला खेल अधिकारी आशीष पांडे से बात करने का प्रयास किया गया। कॉल किया गया, लेकिन उनका फोन लगातार बंद आता रहा।

 मप्र तीरंदाजी एकेडमी की शिफ्टिंग में खेल संचालनालय से कोई निर्देश प्राप्त हुए हैं या मौखिक रूप से कोई आदेश दिया गया है। इस सम्बंध में जिला खेल अधिकारी से लिखित में स्पष्टीकरण मांगा गया है। बच्चों को अभ्यास से नहीं रोका जा सकता। खेल संचालनालय को पत्र लिखा गया है। उत्तर की प्रतीक्षा की जा रही है। उसी आधार पर आगे कार्रवाई करेंगे।

    मिशा सिंह अपर कलेक्टर

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