इंदौर में स्कूल और कॉलेज बसों के लिए सख्त निर्देश, ड्राइवरों की शारीरिक जांच अनिवार्य

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इंदौर
 स्कूल और कॉलेज बसों के सुरक्षित संचालन तथा विद्यार्थियों एवं नागरिकों की सुरक्षा को लेकर शहर के विभिन्न स्कूल प्रशासकों और स्कूल बसों के ट्रांसपोर्ट अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक पुलिस कमिश्नर कार्यालय के सभागार में हुई। इसमें विद्यार्थियों और नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, सड़क पर बसों के सुरक्षित संचालन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने सभी स्कूल और कॉलेजों के ट्रांसपोर्ट अधिकारियों एवं प्रशासकों से कहा कि स्कूल के बच्चों और नागरिकों की सुरक्षा एवं सुरक्षित यातायात हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्कूल/कॉलेज प्रबंधन/बस चालकों एवं संचालकों के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

बैठक में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आरके सिंह, पुलिस उपायुक्त यातायात आनंद कलादगी भी उपस्थित थे। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले और सुरक्षा मानकों को पूरा न करने वाले वाहनों के खिलाफ उचित वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
इन बातों का करना होगा पालन

    स्कूल बसों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य।
    बसों में स्पीड गर्वनर सिस्टम लगवाना आवश्यक है और गति सीमा 40 किमी घंटा से अधिक न हो।
    बसों में किसी भी आपात स्थिति के लिए आवश्यक उपकरण जैसे अग्निशामक यंत्र, फर्स्ट एड बाक्स और अन्य जरूरी सामान हो।
    बसों में एक इमरजेंसी गेट जरूरी, बसों के फिटनेस व निर्धारित मानकों की निगरानी की जानी चाहिए।
    किसी भी स्थिति में खराब वाहनों का संचालन नहीं किया जाए।
    ड्राइवरों के पास वैध और भारी वाहन चलाने का लाइसेंस हो, जिसकी वैधता की जांच भी की जानी चाहिए।
    ड्राइवरों की शारीरिक स्थिति की समय पर जांच हो और उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाए।

 

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