दिन भर बैठे रहना कर सकता है स्वास्थ्य को नुकसान! आयुर्वेद से पाएं तुरंत राहत

Share on Social Media

नई दिल्ली 
आज की डिजिटल और व्यस्त जीवनशैली ने इंसान को शारीरिक रूप से इतना निष्क्रिय बना दिया है कि स्वास्थ्य पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। घंटों तक एक ही जगह बैठना, मोबाइल और लैपटॉप की स्क्रीन पर लगातार नजरें गड़ाए रखना और शारीरिक श्रम से दूरी रखना आज आम बात हो गई है। यह निष्क्रियता धीरे-धीरे अनेक रोगों की जड़ बनती जा रही है। आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर को उचित मात्रा में गतिविधि नहीं मिलती, तो वात, पित्त और कफ तीनों दोष असंतुलित होकर अनेक रोगों को जन्म देते हैं। चरक संहिता में स्पष्ट कहा गया है कि नियमित व्यायाम से स्वास्थ्य, दीर्घायु, बल और मानसिक सुख प्राप्त होते हैं। शारीरिक गतिविधि की कमी से मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, जोड़ों का दर्द, मानसिक तनाव, पाचन विकार और प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। लगातार बैठे रहने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, वसा जमा होती है, रक्त संचार बाधित होता है और हार्मोन असंतुलन के कारण मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।
आयुर्वेद में इन समस्याओं के लिए प्राकृतिक और घरेलू समाधान बताए गए हैं। सबसे पहला उपाय है दैनिक व्यायाम। सुबह कम से कम 30 मिनट टहलना या हल्की दौड़ लगाना अत्यंत लाभकारी है। सूर्य नमस्कार को संपूर्ण व्यायाम माना गया है जो शरीर को संतुलन, लचीलापन और ऊर्जा प्रदान करता है। साथ ही, ताड़ासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन जैसे सरल आसन नियमित रूप से करने चाहिए। प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम, कपालभाति और सूर्यभेदी नाड़ी शरीर के दोषों को संतुलित कर मानसिक शांति भी देते हैं।
संतुलित आहार भी आवश्यक है। भारी, तली-भुनी चीजों की बजाय हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज, फल और हल्का भोजन करना चाहिए। सुबह गुनगुना पानी या त्रिफला जल पीना पाचन में सहायक होता है। भोजन के बाद कुछ देर टहलना पाचन क्रिया को सुचारू बनाता है। अभ्यंग यानी तेल मालिश भी आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण अभ्यास माना गया है, जिससे शरीर की थकान दूर होती है और स्नायु मजबूत होते हैं।
शारीरिक गतिविधि सिर्फ शरीर के लिए नहीं, बल्कि मन और आत्मा के लिए भी आवश्यक है। यदि हम डिजिटल जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करें, तो हम अनेक गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *