पंचग्रही योग में मनाई जाएगी श्री हनुमान जयंती, 57 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग, करें ये खास उपाय

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चैत्र शुक्ल पूर्णिमा (12 अप्रैल) को भगवान शिव के 11वें अवतार, परम भक्त श्री हनुमान जी महराज का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. इस बार हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti 2025) पर पंचग्रही योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है. जो कि बहुत शुभ होने वाला है. हनुमान जयंती पर देशभर में जबरदस्त उत्साह रहता है. जगह-जगह पर भजन-कीर्तन, पूजा-पाठ और भंडारे का आयोजन होता है.

आचार्य के अनुसार इस वर्ष हनुमान जयंती विशेष रूप से शुभ मानी जा रही है. क्योंकि यह 12 अप्रैल 2025 को पंचग्रही योग में मनाई जाएगी. जो कि पूरे 57 वर्षों बाद का एक अद्भुत ज्योतिषीय संयोग है. इस दुर्लभ अवसर पर हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं को हनुमान चालीसा, हनुमान वडवानल स्तोत्र और पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए.

ढैय्या-साढ़ेसाती से बचने के लिए करें ये उपाय

    ज्योतिषियों के मुताबिक हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर आप हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाएं। इसके बाद कुछ कागजी बादाम लेकर उसे काले रंग के कपड़े में बांध लें। फिर इसे आप घर की दक्षिण दिशा में किसी गुप्त स्थान पर रख दें। अगले दिन शनि मंदिर में जाकर इसे रख दें। इससे साढ़ेसाती से मिलने वाले नकारात्मक परिणामों से मुक्ति प्राप्त होती हैं।

    हनुमान जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर आप उपवास रखें। फिर बजरंगबली को सिंदूर व चमेली का तेल चढ़ाएं। अब बरगद के कम से कम 8 पत्तों पर सिंदूर से राम-नाम लिखें। इसकी एक माला बनाकर हनुमान जी को अर्पित करें। कहते हैं कि इस उपाय को करने से शनि साढ़ेसाती व ढैय्या के प्रभाव में कमी आती है।

    ज्योतिषियों के मुताबिक आप सरसों के तेल में सिंदूर मिलाकर घर के सभी दरवाजों पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। इससे शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।

हनुमान जन्मोत्सव के दिन आप हनुमान जी की पूजा करें। इसके बाद आप एकांत में भगवान राम के नाम का जप करें। मान्यता है कि ऐसा करने पर हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

हनुमान जन्मोत्स के दिन हनुमान मंदिर में चमेली के तेल का दीपक जलाएं। इस दौरान प्रभु को गुड़ का भोग लगाएं और हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से करियर में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

 

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