मध्य प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाला, 40 मदरसों पर मामला दर्ज, क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच

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भोपाल
मध्य प्रदेश में अल्पसंख्यक छात्रों को केंद्र सरकार से मिलने वाली विशेष छात्रवृत्ति योजना में घोटाला का मामला सामने आया है। भोपाल में आठवीं और 10वीं कक्षा तक की मान्यता वाले अल्पसंख्यक स्कूलों और मदरसों ने 11वीं व 12वीं कक्षा के 972 विद्यार्थियों के नाम पर 57 लाख रुपये की छात्रवृत्ति हड़प ली।

20 मदरसों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज

पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक संचालक की शिकायत पर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 20 स्कूलों और 20 मदरसों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

पुलिस के अनुसार केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक, मेरिट कम मीन्स, अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में भोपाल जिले की 83 शिक्षण संस्थाओं को रेड फ्लैग से चिह्नित किया था।

राज्य सरकार ने भौतिक निरीक्षण कराया तो खुली पोल

राज्य सरकार ने इसका भौतिक निरीक्षण कराया। पता चला कि इनमें से नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर पंजीकृत 20 निजी स्कूल और 20 मदरसे ऐसे हैं, जिनकी मान्यता तो आठवीं और 10वीं कक्षा तक की ही है, लेकिन उन्होंने 11वीं-12वीं के विद्यार्थियों का पंजीयन पोर्टल पर करा रखा है। उनके नाम पर जारी छात्रवृत्ति निकाली जाती रही है। जिन विद्यार्थियों के नाम पर यह छात्रवृत्ति निकली, वे वास्तव में दूसरे स्कूलों में पढ़ रहे थे।

पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की

शुरुआती जांच के बाद पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक संचालक योगेंद्र राज ने क्राइम ब्रांच थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की है। केंद्र सरकार की यह छात्रवृत्ति मुस्लिम, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और पारसी समुदाय के विद्यार्थियों की बेहतरी के लिए आती है।

 

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