आरजी कर मामला : दिल्ली के चिकित्सक बंगाल के सहकर्मियों की भूख हडत़ाल में शामिल हुए

Share on Social Media

नई दिल्ली
दिल्ली में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल में एक महिला चिकित्सक से दुष्कर्म एवं उसकी हत्या की घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे वहां के कनिष्ठ चिकित्सकों के प्रति एकजुटता जताने के लिए बुधवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल शुरू की। गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के चिकित्सक भी बुधवार को हड़ताल में शामिल हो गए और उन्होंने एकजुटता दिखाने तथा मृतक चिकित्सक की याद के प्रतीक के रूप में काली पट्टी बांधी जबकि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने जेएलएन स्टेडियम में शाम छह बजे ‘कैंडल मार्च’ निकालने की घोषणा की।

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) आरडीए की अध्यक्ष अपर्णा सेतिया ने कहा कि चिकित्सक बुधवार को सुबह नौ बजे से अपराह्न चार बजे तक कामकाजी घंटों के दौरान प्रतीकात्मक भूख हड़ताल कर रहे हैं। सेतिया ने कहा, ‘‘इस दौरान हम भूख हड़ताल कर रहे पश्चिम बंगाल के कनिष्ठ चिकित्सकों के लिए अपना समर्थन जताने के वास्ते कुछ भी खाएंगे या पीएंगे नहीं।’’ एमएएमसी चिकित्सकों के समर्थन में विभिन्न गतिविधियां भी आयोजित कर रहा है।

जीटीबी अस्पताल के चिकित्सकों ने एक बयान में कहा कि उन्होंने जो काली पट्टी बांधी है, वह उनकी पीड़ा को दर्शाती है और यह याद दिलाती है कि चिकित्सा समुदाय ऐसी क्रूर हिंसा के सामने चुप नहीं रहेगा। इस बीच, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) ने पश्चिम बंगाल सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘कनिष्ठ चिकित्सकों की दुर्दशा के प्रति लगातार असंवेदनशीलता देख कर दुख होता है। हम न्याय, सुरक्षा और सम्मान के लिए लड़ाई में ‘पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ के साथ हैं।’’

कोलकाता में सात कनिष्ठ चिकित्सक पांच अक्टूबर की रात से आमरण अनशन कर रहे है। उनके प्रति एकजुटता जताते हुए कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने उनका समर्थन किया है। कनिष्ठ चिकित्सकों ने नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के बाद अपना प्रदर्शन शुरू किया। कनिष्ठ चिकित्सक 42 दिन के विरोध प्रदर्शन के बाद 21 सितंबर को सरकारी अस्पतालों में आंशिक रूप से अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। सरकार ने उनकी ज्यादातर मांगों को पूरा करने का वादा किया था। हालांकि, उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संचालित ‘कॉलेज ऑफ मेडिसिन एंड सागर दत्ता हॉस्पिटल’ में एक मरीज के परिवार द्वारा चिकित्सकों पर हमला किए जाने के बाद एक अक्टूबर को फिर से काम बंद कर दिया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *