मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मनरेगा की उल्लेखनीय उपलब्धि

Share on Social Media

वर्ष 2025-26 में अनुसूचित जनजाति वर्ग को रोजगार दिलाने में देश में मध्यप्रदेश प्रथम

भोपाल 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार अनुसूचित जनजाति वर्ग को रोजगार उपलब्ध कराने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में प्रदेश ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अंतर्गत एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। वर्ष 2025-26 में मनरेगा अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग को अब तक सर्वाधिक रोजगार देने वाला राज्य मध्यप्रदेश बना है। वर्तमान में मध्यप्रदेश देशभर में पहले पायदान पर है।

प्रदेश में 62 लाख 56 हजार परिवार जॉबकार्ड धारी
प्रदेश में कुल 62 लाख 56 हजार परिवार जॉबकार्ड धारी परिवारों के 1 करोड़ से अधिक श्रमिक सक्रिय रूप से पंजीकृत हैं।

32 लाख से अधिक परिवारों को मिला रोजगार
वर्ष 2025-26 में मनरेगा अंतर्गत प्रदेश में 32 लाख से अधिक परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। इस अवधि में 47 लाख 38 हजार श्रमिकों ने विभिन्न कार्यों में भाग लिया, जिनमें से 10 लाख 37 हजार परिवारों के 15 लाख 81 हजार श्रमिक अनुसूचित जनजाति वर्ग से थे। प्रदेश में कुल सृजित मानव दिवस 11 करोड़ 55 लाख में से 3 करोड़ 53 लाख मानव दिवस आदिवासी परिवारों द्वारा सृजित किया गया, जो कि अन्य प्रदेशों की तुलना में अधिक है और योजना की सफलता का स्पष्ट प्रमाण हैं।

मनरेगा के अंतर्गत प्रदेश में किए जाने वाले कार्य
मनरेगा के माध्यम से प्रदेश में विभिन्न प्रकार के सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक विकास कार्य किए जा रहे हैं, जिनमें खेत तालाब, अमृत सरोवर, डगवेल रिचार्ज जैसे संरचनाओं का निर्माण, ग्रामीण सड़कों का निर्माण व मरम्मत, व्यापक स्तर पर पौधरोपण, बोरी बंधान, मेड़ बंधान, चेक-डैम, भूमि समतलीकरण, बागवानी, पशुशेड निर्माण एवं अन्य ग्रामीण विकास कार्य शामिल हैं।

रोजगार के साथ अनुसूचित जनजाति वर्ग को आर्थिक रूप से बनाया जा रहा समृद्ध
मनरेगा आयुक्त श्री अवि प्रसाद ने बताया कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवारों को केवल रोजगार देना ही नहीं, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाना भी है। प्रदेश में वर्ष 2025-26 में मनरेगा योजना के अंतर्गत अब तक देशभर में सबसे अधिक अनुसूचित जनजाति वर्ग के जरूरतमंद परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *