एनसीआर में आवास संकट को राहत: 7,000 नए फ्लैट्स की योजना, सुप्रीम कोर्ट में प्लान पेश करेगा यीडा

Share on Social Media

नई दिल्ली 
ग्रेटर नोएडा में जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड के अधूरे प्रोजेक्ट में फंसे 7 हजार से ज्यादा घर खरीदारों के लिए एक बार फिर उम्मीद की किरण जागी है। जो लोग लंबे समय से फ्लैट मिलने का इंतजार कर रहे हैं, उनके लिए यीडा नई योजना लेकर आया है। इसके तहत यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) नई आवासीय स्कीम को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करेगा। उसके बाद इसपर काम शुरू हो जाएगा। यीडा अधिकारियों का कहना है कि हाल ही में आयोजित एक बैठक में इस प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति, पैसों से जुड़ी दिक्कत और आगे क्या किया जा सकता है जैसी बातों पर चर्चा की गई। यह बैठक लखनऊ में आयोजित की गई थी।

लखनऊ में बैठक के दौरान बनाई स्ट्रैटजी
जेपी स्पोर्ट्स सिटी मामले को लेकर हाईकोर्ट ने एक कमेटी बनाई थी, जिसकी पहली मीटिंग दो दिन पहले हुई। इस मीटिंग की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने की। मीटिंग में यीडा ने जेपी एसोसिएट्स की रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए की गई स्टडी रिपोर्ट अधिकारियों के सामने रखी। यह रिपोर्ट करी एंड ब्राउन कंपनी ने तैयार की थी। इसी मीटिंग के दौरान प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति, अब तक बिक चुके और खाली पड़े फ्लैट पर विचार किया गया। इसके अलावा विभिन्न बैंकों से लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई। साथ ही अधिकारियों ने यह भी देखा कि किन कारणों की वजह से प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया है और इसे पूरा करने में क्या क्या चुनौतियां सामने आ रही हैं?
 
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट को ध्यान में रककर बनेगा प्लान
मीटिंग में 19 मई 2025 को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी ध्यान में रखा गया। कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा था कि प्राधिकरण प्रोजेक्ट रुका हुआ पूरा करने के लिए नया प्लान बना सकता है, लेकिन काम शुरू करने से पहले उसमें कोर्ट की अनुमति लेनी होगी। ताकि लोगों को उनके फ्लैट मिलने में किसी तरह की कोई दिक्कत दोबारा न आए। इसी को ध्यान में रखते हुए यीडा को आवासीय क्षेत्र का विस्तृत प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। यह प्लान हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार तैयार किया जाएगा और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा। यीडा के सीईओ आरके सिंह ने भी स्पष्ट किया है कि जेपी एसोसिएट्स की परियोजना के लिए आवासीय क्षेत्र का प्लान तैयार किया जाएगा और उसे सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद ही किसी भी तरह का निर्माण कार्य या आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

कब शुरू हुआ था यह प्रोजेक्ट?
जेपी एसोसिएट्स की सहयोगी कंपनी जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स को साल 2009-10 में स्पोर्ट्स सिटी बनाने के लिए 1000 हेक्टेयर जमीन दी गई थी। यह जमीन विशेष विकास क्षेत्र (SDZ) योजना के तहत दी गई थी। इसी प्रोजेक्ट में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट भी शामिल था। बाद में यह कंपनी भारी कर्ज में डूब गई, जिसके कारण 2020 में जमीन का आवंटन रद कर दिया गया। आवंटन रद होने के बाद इस फैसले को इलाहबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा लेकिन प्राधिकरण को प्रोजेक्ट अपने हाथ में लेकर पूरे करने का निर्देश दिए। उसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा, लेकिन वहां भी हाईकोर्ट के फैसले को ही प्रभावी माना गया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *