राजनाथ सिंह ने कहा- 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य के लिए युवाओं को सशक्त बनाने का मिशन

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नई दिल्ली
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि युवा भारत के भविष्य के नायक हैं और वे 2047 तक देश को 'विकसित भारत' बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। राजनाथ सिंह ने वीर गाथा 4.0 के सुपर-100 विजेताओं को सम्मानित करने के मौके पर यह बात कही। वीर गाथा 4.0 छात्रों द्वारा वीरता पुरस्कार विजेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया था। सुपर-100 उन 10 हजार विशेष अतिथियों में शामिल हैं, जो रविवार को कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के साक्षी बनेंगे। इन 100 विजेताओं में से 66 लड़कियां हैं।

किसी भी देश के विकास के लिए राष्ट्रीय गौरव की भावना को सबसे महत्वपूर्ण पहलू बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, "हमारे पास लगभग 50 करोड़ युवाओं की एक बड़ी आबादी है। ऐसे रचनात्मक दिमाग वाला देश कैसे विकसित नहीं बन सकता?" उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व के कारण वैश्विक मंच पर भारत का कद बढ़ा है। आज जब हम किसी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बोलते हैं, तो पूरी दुनिया सुनती है। यह हमारे बहादुर सैनिकों, वैज्ञानिकों और सजग युवाओं सहित हर भारतीय की कड़ी मेहनत के कारण संभव हुआ है।"

राजनाथ सिंह ने छात्रों से स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां जैसे बहादुरों और साहसी सैनिकों से प्रेरणा लेते रहने की अपील की, जिनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। इस खास अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वीर गाथा जैसी पहल स्कूली छात्रों को वीरता पुरस्कार विजेताओं के साहस और बलिदान के बारे में बताती है। साथ ही युवा दिमाग की रचनात्मकता को भी बढ़ावा देती है।

वीर गाथा एक प्रतियोगिता है, जिसमें 2.5 लाख से अधिक स्कूलों के 1.76 करोड़ छात्र ड्राइंग, पेंटिंग और निबंध लेखन जैसी गतिविधियों में भाग लेते हैं। साथ ही देश के लिए उनकी सेवा और बलिदान के लिए भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हैं। इसका उद्देश्य युवाओं को देश के वीरों के गौरवशाली इतिहास से जोड़ना और देशभक्ति, धैर्य और राष्ट्रीय गौरव के मूल्यों को विकसित करना है, जिससे छात्रों को देश की प्रगति में योगदान देने के लिए प्रेरित किया जा सके।

कार्यक्रम के दौरान परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर संजय कुमार ने 1999 के कारगिल युद्ध से अपने प्रेरक अनुभव साझा किए, और छात्रों से अपने जीवन में बहादुरी, निस्वार्थता और अखंडता के मूल्यों को अपनाने की अपील की। उन्होंने युवा प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा, "सच्ची बहादुरी केवल युद्ध में ही नहीं बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में सही बात के लिए खड़े होने में भी निहित है।"

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