राजस्थान-झुंझुनूं में पेंशन को लेकर कलेक्टर से उलझे बुजुर्ग को जेल, मंत्री बोले- ऐसा नहीं होना चाहिए था

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झुंझुनूं।

झुंझुनूं कलेक्टर रामवतार मीणा से जुड़ा मामला सुर्खियों में है। दरअसल, पूर्व राजस्व, उपनिवेशन एवं सैनिक कल्याण विभाग के राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी का एक कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में एक बुजुर्ग वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलने का मुद्दा लेकर पहुंचे थे।

इस दौरान वे कलेक्टर रामवतार मीणा से उलझ गए, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। मौजूद पुलिस के जवान बुजुर्ग को पकड़कर थाने ले गए। उसे शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया। बाद में संबधित एसडीएम ने जमानत देने की बजाय उसे जेल भेज दिया।

झुंझुनूं घटनाक्रम पर बढ़ा सियासी पारा
इस पूरे मामले में अब विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है। वहीं, मंत्री विजय सिंह चौधरी ने भी पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए विपक्ष पर पलटवार किया है। मंत्री चौधरी और पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बयान में इस घटनाक्रम को सुर्खिया में ला दिया है। पूर्व सीएम गहलोत ने भी एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि 'राजस्थान की भाजपा सरकार सो रही है। हक मांगने वालों को सरकार गिरफ्तार करवा रही है।

झुंझुनूं कलेक्टर ने दी सफाई
इस पूरे मामले में कलेक्टर रामावतार मीणा का कहना है कि कुछ लोग सरकारी कार्यक्रम में व्यवधान डालने के लिए ऐसे व्यक्ति को भेज देते हैं। किसी ने इन बुजुर्ग को भी भेज दिया होगा। यह शख्स मंत्री जी के प्रोग्राम में व्यवधान पैदा कर रहे थे। पेंशन जैसी बात नहीं थी। यदि ऐसी समस्या थी तो मैं सुबह साढ़े नौ से शाम सात बजे तक लोगों की सुनवाई करता हूं। पेंशन संबंधी जिले का ऐसा मुद्दा कभी मेरे सामने भी नहीं आया। फिर भी समस्या बताने का तरीका और फोरम होता है। यह व्यक्ति मंत्री जी के कार्यक्रम में व्यवधान पैदा कर रहे थे, लिहाजा पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया।

मंत्री चौधरी ने घटनाक्रम की निंदा की
जिला स्तरीय पट्टा वितरण कार्यक्रम में हुए घटनाक्रम पर मंत्री विजय चौधरी ने कहा किसी ने हंगामा नहीं किया। उन्होंने पेंशन के लिए फरियाद लेकर आए बुजुर्ग को गिरफ्तार करने के घटनाक्रम को भी गलत बताया। मंत्री चौधरी ने कहा कि फरियाद लेकर आने वाले वाले किसी भी आमजन से इस तरह का बर्ताव नहीं करना चाहिए। पेंशन मांगने का बुजुर्ग को अधिकार है। मैं इसकी जानकारी करवाता हूं।

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