राजस्थान-बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी को मिला सम्मान, जयपुर में मंत्री अविनाश गहलोत ने सराहा
बाड़मेर.
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर विशेष दिव्यांगजन के कल्याण और सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी को सम्मानित किया गया। इस दौरान बाड़मेर जिले में नवो बाड़मेर के तहत समन्वित प्रयास और सशक्त समाज अभियान की सराहना की गई।
राजधानी जयपुर में भगवंत सिंह सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत और आयुक्त एवं विशिष्ट सचिव एच गुइटे ने बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान बाड़मेर जिले में दिव्यांगजन कल्याण संबंधित कार्यों, नवो बाड़मेर के तहत समन्वित प्रयास, सशक्त समाज अभियान की सराहना करते हुए प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसकी तर्ज पर अभियान चलाने के बारे में अवगत कराया गया।
बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी की ओर से जिला प्रशासन एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहयोग से दिव्यांगजन कल्याण एवं सशक्तिकरण के लिए ‘नवो बाड़मेर-समन्वित प्रयास सशक्त समाज अभियान’ के रूप अभिनव पहल की गई। इस अभियान के माध्यम से दिव्यांगजन कल्याण की दिशा में बाड़मेर मॉडल जिला बनकर उभरा। बाड़मेर जिले में नवो बाड़मेर के तहत समन्वित प्रयास, सशक्त समाज अभियान के जरिए 7025 लोगों की स्क्रीनिंग करने के साथ 2130 दिव्यांग प्रमाण पत्र अनुमोदित किए गए। प्रदेश में पहली मर्तबा दिव्यांगों के मार्गदर्शन एवं सुविधाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पोर्टल लॉच किया गया। उपखंड मुख्यालयों पर शिविर लगाकर मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र जारी करवाकर सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया। इसके अलावा वृहद स्तर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जरिए दिव्यांगजनों को सहायक अंग उपकरण उपलब्ध करवाए गए। बाड़मेर जिले में छह अक्तूबर 2024 को नवो बाड़मेर समन्वित प्रयास सशक्त समाज अभियान की शुरूआत हुई। बाड़मेर मरुस्थलीय जिला होने के कारण अनेक चुनौतियां होने के बावजूद राज्य सरकार एवं प्रशासन के समन्वित प्रयास से यह अभियान दिव्यांगजनों के लिए वरदान साबित हुआ।
कलेक्टर टीना डाबी ने अभियान के सफल आयोजन के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग,पंचायतीराज एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं संबंधित हितधारकों के साथ बैठकें करके शिविरों में विभागीय समन्वय के माध्यम से आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवाई। दिव्यांगजनों के रजिस्ट्रेशन एवं योजनाओं की जानकारी के लिए हेल्प डेस्क स्थापित किए गए। प्रत्येक शिविर स्थल पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की ओर से 10 ई-मित्र काउंटर की व्यवस्था की गई।