राहुल गांधी ‘लीडर ऑफ अपोजिशन’ नहीं बल्कि ‘लीडर ऑफ फोटोग्राफी’ हैं : शहजाद पूनावाला
नई दिल्ली
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने केरल के वायनाड में स्थानीय लोगों द्वारा राहुल गांधी के विरोध का दावा करते हुए आरोप लगाया है कि ‘रील नेता’ राहुल गांधी को वायनाड में ‘रियल लोगों’ का आक्रोश सहना पड़ा। शायद उन्हें पता था कि सवालों की बौछार होगी, इसलिए रात के दो बजे ईडी के बारे में एक्स पर पोस्ट करके वह जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं। लेकिन जनता ने उन्हें अपने मन की बात सुना दी है। पूनावाला ने कहा कि वायनाड की जनता ने राहुल गांधी को यह बता दिया कि उन्होंने उन्हें वोट किया था। चुनाव में उनके लिए काम किया था लेकिन इतने दिनों बाद वीवीआईपी की तरह आए।
उन्होंने कहा कि सवाल तो यह बनेगा कि वे देरी से वहां गए और वहां गाड़ी से भी नहीं उतरे ताकि गंदे न हो जाएं। जनता ने ही पूछा कि जब गाड़ी से भी नहीं उतरना था तो वे वहां आए ही क्यों? दो दिनों लेट आए, इतने दिनों तक कुछ नहीं किया। जब वहां पर अवैध निर्माण चलता रहा, जब लगातार चेतावनी दी जा रही थी तो ना तो राज्य की लेफ्ट सरकार ने कुछ किया और ना ही सांसद रहते हुए राहुल गांधी ने कुछ किया। तीन सौ से अधिक लोगों की जान चली गई और इसके लिए लेफ्ट और कांग्रेस पार्टी की आपराधिक लापरवाही जिम्मेदार है। शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए वहां चले गए, इसलिए एलओपी के लिए एक नया मतलब तैयार हुआ है।
राहुल गांधी, लीडर ऑफ अपोजिशन नहीं बल्कि लीडर ऑफ फोटोग्राफी और लीडर ऑफ प्रोपेगेंडा हैं। जनता ने अपने मन की बात उन्हें सुना दी है। शहजाद पूनावाला ने तमिलनाडु के डीएमके के मंत्री द्वारा भगवान श्रीराम के अस्तित्व को लेकर दिए गए बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि इंडी गठबंधन का हिंदू विरोधी और राम विरोधी चेहरा एक बार फिर से सामने आ गया। क्या लोकसभा में शिवजी की बारात की बात कहने वाले राहुल गांधी इस पर जवाब देंगे। हालांकि, राहुल गांधी की स्वयं की भी हिंदुओं और हिंदू धर्म के भगवानों को लेकर इसी प्रकार के विचार हैं। ये वोट बैंक की ताली के लिए हिंदुओं को अपशब्द कहते रहते हैं।