अगली जनरेशन वंदे भारत: अब जापान-यूरोप जैसी सुपरलक्ज़री ट्रेन का मज़ा भारत में!

Share on Social Media

नई दिल्ली
स्वदेशी तकनीक के माध्यम से भारत रेलवे के क्षेत्र में निर्माता से निर्यातक बन चुका है। अब वैश्विक स्तर पर भारत में निर्मित रेल इंजन और कोच की मांग अब अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों से आ रही है। रेलवे अब वंदे भारत का अगला संस्करण लाने की तैयारी में है। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को भारत मंडपम में आयोजित 16वें अंतरराष्ट्रीय रेल उपकरण प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह विश्व की दूसरी सबसे बड़ा रेलवे प्रदर्शनी है।

'फ्यूचर-रेडी रेलवे' थीम पर आधारित यह प्रदर्शनी 17 अक्टूबर तक भारत मंडपम में चलेगी, जिसमें 15 से भी अधिक देशों के 450 से अधिक कंपनियां आधुनिक रेल, मेट्रो उत्पाद, नवाचार एवं समाधान प्रदर्शित कर रही हैं।

7 हजार KM लंबा यात्री कॉरिडोर विकसित करने की तैयारी
रेलमंत्री ने कहा कि विकसित भारत विजन के तहत वर्ष 2047 तक लगभग सात हजार किमी लंबे समर्पित यात्री कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। ये कॉरिडोर अधिकतम 350 किमी प्रतिघंटा और परिचालन गति 320 किमी प्रतिघंटा तक के लिए डिजाइन किए जाएंगे। ये पूरी तरह स्वदेशी सिग्नलिंग सिस्टम और आधुनिक आपरेशन कंट्रोल सेंटर से सुसज्जित होंगे।
 
जल्द ही आएगा वंदे भारत ट्रेनों का चौथा संस्करण
वैष्णव ने वंदे भारत ट्रेन को देश की बड़ी सफलता करार दिया और कहा कि यह तकनीकी मानकों पर विश्व की सर्वश्रेष्ठ ट्रेनों की बराबरी करती है। भारत में अभी वंदे भारत-3 ट्रेनें चल रही हैं, जो अपने पिछले संस्करणों से काफी उन्नत है। यह जीरो से सौ किमी प्रतिघंटा की रफ्तार सिर्फ 52 सेकंड में पकड़ लेती है, जो जापान और यूरोप की कई ट्रेनों से अधिक है।

उन्होंने कहा कि अगले 18 महीनों में वंदे भारत-4 लाने का लक्ष्य है, जो प्रदर्शन और यात्री सुविधा के हर पहलू में वैश्विक मानक स्थापित करेगी। नए संस्करण में बेहतर टॉयलेट्स, आरामदायक सीटें और उच्च गुणवत्ता वाले कोच होंगे, ताकि यह ट्रेन दुनिया की सर्वश्रेष्ठ यात्री ट्रेन के रूप में पहचानी जाए।

अमृत भारत ट्रेनों पर क्या बोलें अश्विनी वैष्णव?
इसी तरह अभी अमृत भारत-2 का परिचालन हो रहा, जबकि संस्करण-3 पुश-पुल तकनीक पर आधारित है, जो लंबी दूरी की यात्रा के लिए उपयुक्त होगी। उन्होंने कहा कि अमृत भारत-4 में अगली पीढ़ी के ट्रेनसेट और लोकोमोटिव शामिल होंगे, जिनका डिजाइन और निर्माण अगले 36 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।

वैष्णव ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में 35,000 किमी नई लाइनें बिछाई गईं और 46,000 किमी रेलमार्गों का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। देश में अभी 156 वंदे भारत, 30 अमृत भारत और चार नमो भारत चल रही हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकार्ड सात हजार से अधिक कोच, लगभग 42,000 वैगन और 1,681 लोकोमोटिव का निर्माण किया गया। देश का पहला 9,000 हार्सपावर का इलेक्टि्रक लोकोमोटिव शुरू किया गया। इसी तरह 12 हजार एचपी इंजन पहले से ही चल रहे हैं।

भारतीय रेल अमेरिका को पीछे छोड़कर अब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी माल ढुलाई नेटवर्क बन चुकी है। बुलेट ट्रेन परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 99 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। नवाचार पर विशेष ध्यान है। इसके लिए चालू वर्ष में एक लाख 16 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली 'कवच' भी शामिल है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *