शहरी बस्तियों के राष्ट्रीय भू-स्थानिक ज्ञान-आधारित भूमि सर्वेक्षण की होगी शुरूआत
भोपाल
केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग ने 26 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 152 शहरी स्थानीय निकायों में शहरी बस्तियों के राष्ट्रीय भू-स्थानिक ज्ञान-आधारित भूमि सर्वेक्षण (नक्शा) नामक एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान 18 फरवरी को रायसेन में कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं संचार राज्यमंत्री डॉ. चन्द्रशेखर पेम्मासानी, प्रदेश के मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नारायण सिंह पवार, सांची विधायक डॉ. प्रभुराम चौधरी, केन्द्रीय सचिव भूमि संसाधन मनोज जोशी, संयुक्त सचिव कुणाल सत्यार्थी उपस्थित रहेंगे।
नक्शा कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड बनाना और उन्हें अपडेट करना है, ताकि भूमि स्वामित्व का सटीक और विश्वसनीय दस्तावेज़ीकरण सुनिश्चित किया जा सके। यह पहल नागरिकों को सशक्त बनाएगी, जीवन को आसान बनाएगी, शहरी नियोजन को बढ़ाएगी और भूमि संबंधी विवादों को कम करेगी। संपत्ति रिकॉर्ड प्रशासन के लिए आईटी-आधारित प्रणाली पारदर्शिता, दक्षता को बढ़ावा देगी और सतत विकास का समर्थन करेगी। नक्शा शुभारंभ कार्यक्रम में ड्रोन उड़ाए जाएंगे। मानक संचालन प्रक्रिया पुस्तिका का विमोचन किया जाएगा। नक्शा कार्यक्रम पर वीडियो एवं फ्लायर जारी किए जाएंगे। वाटर शेड यात्रा को हरी झंडी दिखाई जाएगी। वाटर शेड वीडियो का प्रदर्शन किया जाएगा तथा वाटरशेड गान बजाया जाएगा।
सर्वे ऑफ इंडिया नक्शा कार्यक्रम के लिए तकनीकी भागीदार है, जो हवाई सर्वेक्षण करने और राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को तीसरे पक्ष के विक्रेताओं के माध्यम से ऑर्थोरेक्टीफाइड इमेजरी प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम (एमपीएसईडीसी) द्वारा एंड-टू-एंड वेब-जीआईएस प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा और भंडारण सुविधाएं राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र सेवा इंक (एनआईसीएसआई) द्वारा प्रदान की जाएंगी।
"नक्शा" कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएँ
"नक्शा" कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताओं में शहरी क्षेत्रों के लिए भू-स्थानिक मैपिंग करना, आधुनिक भूमि सर्वेक्षण तकनीकों का प्रयोग करना है। इससे आदलती मामलों, कानूनी दस्तावेजीकरण और ऐतिहासिक भूमि डाटा विश्लेषण में सहायता मिलेगी। त्वरित और अधिक प्रभावी शहरी योजना में सटीक भूमि डेटा से बेहतर जोनिंग, बुनियादी ढांचे के विकास और शहरी विस्तार में न्यूनतम देरी होगी, परिवहन योजना आवासीय परियोजनाओं और सतत् शहरी विकास में सहायता मिलेगी। आपदा प्रबंधन योजना को अधिक प्रभावी बनायेगा। प्रापर्टी टेक्स कलेक्शन में सुधार और शहरी निकायों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी। साथ ही संपत्ति लेन-देन और ऋण प्राप्ति को सरल बनायेगा। "नक्शा" कार्यक्रम से पारदर्शिता और शासन में सुधार होगा इसमें रियल टाइम, शुलभ डिजिटल प्रणाली धोखाधड़ी पर अंकुश लगायेगी और शहरी भूमि प्रबंधन में जनता का विश्वास बढ़ायेगी। इसके साथ ही "नक्शा" कार्यक्रम के क्रियान्वयन से रियल स्टेट और बुनियादी ढांचा को बढ़ावा मिलेगा।