MP सरकार ने खाली कराए 11 गांव, इन गांवों की भूमि राष्ट्रीय उद्यान में शामिल की गई, अब चीतों को घूमने के लिए मिलेगा बड़ा जंगल

Share on Social Media

भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार ने चीतों के रहवास पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान से 11 गांव खाली कराए हैं। इन गांवों की भूमि राष्ट्रीय उद्यान में शामिल की गई है। दरअसल, कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसे 18 गांव को खाली कराया जा रहा है। इन गांवों की भूमि के बदले 3 हजार 720.9 हेक्टेयर भूमि दूसरी जगह दी गई है। उद्यान के अंदर 18 गांवों का कुल रकबा 4 हजार 407 हेक्टेयर है, इनमें अब तक कुल 11 गांव खाली कराए जा चुके हैं।

चीता कॉरिडोर बनाने की योजना
इन गांव की भूमि को वन विभाग ने राष्ट्रीय उद्यान का वनखंड घोषित कर दिया है। इस फैसले से वहां चीतों का संरक्षण किया जा सकेगा। उन्हें खुले में घूमने के लिए निर्बाध वन क्षेत्र मिलेगा। इसके पहले चीतों के घर का दायरा भी बढ़ाया जा चुका है। इसको इस तरह से विकसित कर रहे हैं कि चीता मप्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमा तक घूम सकें। इसके लिए इन तीन राज्यों के बीच चीता कॉरिडोर बनाने की योजना भी है।

गांव को खाली कराकर घोषित किया वनखंड
बता दें कि कूनो के अंदर बने बरेड, लादर, पांडरी, खजूरी में खजूरी, खजूरी कलां और खजूरी खुर्द है। इसी तरह पैरा में चार गांव पैरा, पालपुर, जाखोद एवं मेघपुरा और बसंतपुरा गांव है। इन सभी गांवों को खाली कराकर अब वनखंड घोषित किया है, जिससे ये राष्ट्रीय उद्यान के संरक्षित वन बन गए हैं। इन गांवों का कुल रकबा 1 हजार 854.932 हेक्टेयर है। शेष गांव की भूमि भी शीघ्र वनखंड घोषित की जाएगी।

चीतों के रहवास का बढ़ाया दायरा
मध्य प्रदेश में चीतों को खुले जंगल में छोड़ने से पहले उनका रहवास पालपुर कूनो नेशनल पार्क का क्षेत्रफल बढ़ाया गया है। कूनो का कुल 54 हजार 249.316 हेक्टेयर वन क्षेत्र बढ़ाया गया है। जिसके बाद अब कूनो का कुल वन क्षेत्र एक लाख 77 हजार 761.816 हेक्टेयर हो गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *