मोक्षदा एकादशी: तुलसी से जुड़े नियम भूलें नहीं, तभी मिलेगा व्रत का पूर्ण फल

Share on Social Media

 

एकादशी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. हर माह में दो एकदशी पड़ती है. पहली कष्ण और दूसरी शक्ल पक्ष में. एकादशी का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की कृपा पाने का शुभ अवसर होता है. इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा और व्रत किया जाता है. मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में मोक्षदा एकादशी पड़ती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं.

जीवन में खुशहाली आती है. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है. इस व्रत को करने से मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है. तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है. इस दिन पूजा पाठ के साथ-साथ तुलसी से संबंधित कुछ बातों का भी ध्यान अवश्य रखना चाहिए. ऐसा करने श्री हरि का आशीर्वाद बना रहता है और व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है.

मोक्षदा एकादशी पर तुसली संबंधित इन बातों का रखें ध्यान

    मान्यता है कि एकादशी के दिन माता तुलसी, भगवान विष्णु के निमित्त निर्जला व्रत रखती हैं. ऐसे में भूलकर भी इस दिन माता को जल न चढ़ाएं. साथ ही तुलसी पात्र भी न उतारें. ऐसा करने से तुलसी माता का व्रत खंडित हो जाता है.
    एकादशी या किसी भी अन्य दिन तुलसी के आस-पास साफ-सफाई ध्यान रखना चाहिए. तुलसी के पास जूते-चप्पल, झाड़ू और कूड़ेदान जैसी चीजें न रखें. वरना माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं. इससे धन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
    एकादशी के दिन तुलसी को छूना वर्जित है, लेकिन इस दिन पर शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं. सात या ग्यारह बार परिक्रमा और तुलसी माता के मंत्रों का जप अवश्य करें.
    एकादशी पूजा के दौरान विष्णु जी के भोग में तुलसी दल जरूर चढ़ाएं. एकादशी के दिन इन बातों का ध्यान रखने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *