बैंक धोखाधड़ी पर बड़ी चोट: ईडी ने 169.47 करोड़ की कुर्क संपत्तियां सेंट्रल बैंक को सौंपी

Share on Social Media

कोलकाता
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स प्रकाश वाणिज्य प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। ईडी ने इस घोटाले में कुर्क की गई 169.47 करोड़ रुपए की संपत्तियों को वापस सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को दिला दिया। यह फैसला कोलकाता की सिटी सेशन कोर्ट ने सुनाया है। यह मामला मेसर्स प्रकाश वाणिज्य प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रमोटर-डायरेक्टर मनोज कुमार जैन से जुड़ा है। जांच में पता चला कि कंपनी ने फर्जी वित्तीय दस्तावेज और बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए अकाउंट स्टेटमेंट के आधार पर बैंक से बड़ी क्रेडिट सुविधाएं लीं। इसके बाद इन फंड्स को नियमों के खिलाफ दूसरी जगह भेज दिया गया। इस धोखाधड़ी से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 234.57 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

ईडी ने पीएमएलए के तहत जांच शुरू की और पश्चिम बंगाल व छत्तीसगढ़ में फैली कई संपत्तियों को कुर्क किया। इनमें से 199.67 करोड़ रुपए की संपत्तियां चार अलग-अलग प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के जरिए जब्त की गई थीं, जिन्हें बाद में एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी (न्यायनिर्णयन प्राधिकारी) की मंजूरी भी मिल गई।
बैंक के पैसे की तुरंत रिकवरी के महत्व को देखते हुए ईडी ने सेंट्रल बैंक के अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें कीं। इसके बाद बैंक ने अदालत में अटैच संपत्तियों को पाने के लिए आवेदन दिया, जिसे ईडी ने भी कंसेंट पिटीशन के माध्यम से समर्थन किया।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया इन संपत्तियों का सही हकदार है, क्योंकि ये धोखाधड़ी से खोए हुए फंड की भरपाई कर सकती है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ईडी को इस प्रक्रिया पर कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते कि बैंक बकाया रकम पूरी तरह रिकवर कर ले और अतिरिक्त राशि होने पर उसे पीएमएलए के तहत सक्षम प्राधिकरण को जमा कराए। सेंट्रल बैंक की नई वैल्यूएशन रिपोर्ट के अनुसार, अटैच संपत्तियों की कुल कीमत 169.47 करोड़ रुपए आंकी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *