लोकायुक्त ने पुलिस को सौंपा पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का सर्विस रिकार्ड, अनुकंपा नियुक्ति घोटाले की जांच हुई शुरू

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ग्वालियर
ग्वालियर। करोड़ों की अवैध कमाई और फर्जी अनुकंपा नियुक्ति मामले में फंसे परिवहन विभाग के बर्खास्त आरक्षक सौरभ शर्मा की मुश्किलें अब और बढ़ती दिख रही हैं। भोपाल लोकायुक्त द्वारा सौरभ शर्मा का पूरा सर्विस रिकॉर्ड ग्वालियर के सिरोल थाना पुलिस को सौंप दिया गया है। इस रिकॉर्ड की जांच के साथ अब सौरभ और उनकी मां उमा शर्मा से पूछताछ की तैयारी भी शुरू हो गई है।
साथियों के भी दर्ज हुए बयान

सौरभ शर्मा के मामले में केवल वही नहीं, बल्कि उनके कई साथी आरक्षक भी जांच के घेरे में आ गए हैं। हाल ही में परिवहन मुख्यालय में सौरभ के साथ काम कर चुके कुछ आरक्षकों के बयान दर्ज किए गए हैं। इन पर सौरभ के साथ मिलीभगत का आरोप है। अब सभी बिंदुओं की गहनता से जांच की जा रही है।

छापे में मिली थी अकूत संपत्ति

यह मामला 19 दिसंबर 2024 को सुर्खियों में आया जब भोपाल स्थित सौरभ के घर पर लोकायुक्त की छापेमारी में भारी मात्रा में कैश, सोना और चांदी बरामद की गई। उसी रात, मेंडोरी के जंगल में आयकर विभाग ने 11 करोड़ नकद और 52 किलो सोना जब्त किया। इसके बाद ED (प्रवर्तन निदेशालय) भी मामले में कूद पड़ा और कई शहरों में कार्रवाई की गई।

विभागीय लापरवाही भी आई सामने

सौरभ शर्मा की अनुकंपा नियुक्ति प्रक्रिया में भी गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। उनकी नियुक्ति के दौरान तत्कालीन परिवहन आयुक्त शैलेंद्र श्रीवास्तव के कार्यकाल में जानबूझकर अनदेखी की गई। दस्तावेजों में भाई की नौकरी छिपाई गई और संबंधित विभागों ने भी इस पर चुप्पी साधी रही।

अब होगा दस्तावेजों का क्रॉस वेरिफिकेशन

सिरोल थाना प्रभारी गोविंद बगौली के अनुसार, लोकायुक्त से प्राप्त रिकॉर्ड की बारीकी से जांच की जा रही है। सौरभ और उमा शर्मा के हस्ताक्षरों का मिलान, शपथ पत्रों की वैधता और उस वक्त मौजूद अधिकारियों की भूमिका भी अब जांच के घेरे में है।

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