देशज समारोह में बुंदेलखंड की लोक कला की जीवंत प्रस्तुति, खजुराहो में हुआ रंगारंग आयोजन

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खजुराहो,

 मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा संचालित 'आदिवर्त' जनजातीय लोककला राज्य संग्रहालय, खजुराहो में शनिवार, 01 मार्च को आयोजित 'देशज' समारोह में बुंदेलखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की एक अद्भुत झलक देखने को मिली।

समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और कलाकारों के स्वागत से हुई, और फिर सायं 5 बजे विभिन्न कलाकारों ने बुंदेली लोकगीतों और बधाई नृत्य की प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दिन की विशेष आकर्षण थी बुंदेलखंड के प्रसिद्ध लोकगीतों की गायन और नृत्य की अद्भुत प्रस्तुतियाँ। कार्यक्रम में प्रमुख कलाकारों के रूप में  रूपराम पटेल, नवल किशोर, रामरती चौरसिया, सरोज कुमार रावत,  नीतू चोरासिया और  हरप्रसाद रैकवार ने अपनी कला से समां बांध दिया।

इस समारोह में  शशी कुशवाहा ने शानदार बधाई नृत्य पेश किया, जिसे दर्शकों ने काफी सराहा। इन प्रस्तुतियों में संगीत की संगत के लिए  धीरज अहिरवार (ढोलक),  रज्जू विश्वकर्मा (बेन्जो),  अस्वनी कुशवाहा (हारमोनियम),  घनश्याम प्रजापति (नगड़िया),  पट्टू अहिरवार (झीका), नन्द किशोर कुशवाहा (मजीरा),  और श्री रोहित मिश्रा (आर्गन पेड) ने भी अपनी प्रस्तुति से माहौल को और जीवंत बना दिया।

समारोह का अगला दिन, 02 मार्च 2025 को भी अपनी रंगीन और सांस्कृतिक विविधताओं के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। इस दिन केवल कुमार एवं उनके साथी डिंडोरी द्वारा गुदुम्बजा नृत्य,   गायत्री देवी द्वारा बुंदेली लोकगीत और   कल्याणी मिश्रा एवं उनके साथी रीवा द्वारा बघेली लोकगीतों की प्रस्तुति होगी।

‘आदिवर्त' जनजातीय लोककला राज्य संग्रहालय खजुराहो में यह अनोखा आयोजन हर शनिवार और रविवार को आयोजित किया जाता है, जिसमें नृत्य, नाट्य, गायन और वादन जैसी विधाओं का समावेश होता है। यह कार्यक्रम लोक कला को सहेजने और बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है, जिससे न केवल बुंदेलखंड की कला को प्रमोट किया जाता है, बल्कि इसे नई पीढ़ी तक पहुँचाने का एक सुनहरा अवसर मिलता है।

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