जैसलमेर बस हादसा: पहली FIR दर्ज, बस मालिक और ड्राइवर पर लापरवाही का आरोप, गहलोत ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
जैसलमेर
राजस्थान में जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर स्लीपर एसी बस में भीषण आग लगने की घटना के 24 घंटे बाद आखिरकार पहली एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। इस हादसे में जिंदा जले पत्रकार राजेंद्र सिंह चौहान के बड़े भाई चंदन सिंह ने बस के मालिक और चालक पर गंभीर आरोप लगाते हुए जैसलमेर सदर थाना में मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हादसे के 24 घंटे बाद दर्ज हुई पहली शिकायत
सूत्रों के अनुसार, बस हादसे में मृतक पत्रकार के परिजन मंगलवार देर शाम तक पोस्टमार्टम और औपचारिकताओं में व्यस्त रहे। इसके बाद मंगलवार को चंदन सिंह ने पुलिस को रिपोर्ट दी, जिसमें बस मालिक और ड्राइवर की लापरवाही को हादसे का कारण बताया गया है। पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर सबूत जुटाने और तकनीकी जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
हाल ही में मिला था बस को परमिट
जानकारी के मुताबिक, हादसे में जलकर नष्ट हुई बस RJ 09 PA 8040 कुछ दिन पहले ही खरीदी गई थी। इसे नया परमिट जारी हुआ था और ट्रैवल कंपनी ने इसके प्रमोशनल वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए थे। कंपनी ने उस समय बस को ‘लग्जरी और पूरी तरह सुरक्षित’ बताकर प्रचारित किया था। हादसे के बाद अब इन दावों की भी जांच की जा रही है।
‘हादसे का कारण तकनीकी फॉल्ट तो नहीं?’
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक जताते हुए सवाल उठाया है कि क्या बस में तकनीकी खामी (Technical Fault) हादसे की वजह हो सकती है। गहलोत ने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है। सुना है बस कुछ ही दिन पहले खरीदी गई थी, ऐसे में यह जांच का विषय है कि आखिर आग लगी क्यों। कहीं कोई तकनीकी गलती या सुरक्षा में चूक तो नहीं रही?
उन्होंने आगे कहा कि सरकार को चाहिए कि कंपनी से इस मामले में जवाब मांगे और जांच कराए। आग लगने के बाद दरवाजे लॉक हो जाना भी गंभीर सवाल उठाता है। ऐसी घटनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। गहलोत ने ईश्वर से मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।
जांच जारी, तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी
पुलिस ने बताया कि हादसे के सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में बस के इंजन या विद्युत प्रणाली में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है। टीम अब ट्रैवल कंपनी के दस्तावेज, मेंटेनेंस रिकॉर्ड और परमिट से जुड़ी जानकारियां जुटा रही है। अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी।