इंदौर-मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट में तेजी: अगले महीने शुरू होगा जमीनी सर्वे, महू के 18 गांव होंगे शामिल

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 इंदौर
 इंदौर से मनमाड़ के बीच महत्वाकांक्षी रेल परियोजना को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। 309 किमी लंबी इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन का 170.56 किमी हिस्सा मध्य प्रदेश में स्थित है और यह तीन जिलों से होकर गुजरेगी। अक्टूबर माह से मध्य प्रदेश में इस रेल लाइन का जमीनी सर्वे शुरू किया जाएगा, जिसमें रेल लाइन के मार्ग में आने वाले किसानों के खसरे चिह्नित किए जाएंगे।

यह रेल लाइन इंदौर जिले के 18 गांवों से होकर गुजरेगी। इन गांवों में रेल लाइन के अंतर्गत आने वाली भूमि के स्वामियों के नामों की जांच की जा चुकी है, ताकि खसरे के प्रकाशन के दौरान किसी भी प्रकार की त्रुटि न हो।

इंदौर जिले की महू तहसील से होकर गुजरने वाली इस रेल लाइन के लिए अक्टूबर से रेलवे द्वारा सर्वेक्षण कार्य आरंभ किया जाएगा। यह सर्वेक्षण जमीनी स्तर पर होगा, जिसमें नपती कर निशान लगाए जाएंगे। साथ ही रेल लाइन के अंतर्गत आने वाली भूमि के खसरे नंबर और भूमि का रकबा भी दर्ज किया जाएगा।

रेलवे के कोआर्डिनेटर सुशील वाडेकर ने बताया कि मध्य प्रदेश में सर्वे का कार्य दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सर्वे के बाद ही यह तय होगा कि किस गांव की कितनी भूमि रेल लाइन में आएगी। प्रारंभिक सर्वेक्षण में यह निर्धारित किया जा चुका है कि रेल लाइन किन गांवों से गुजरेगी।

महू तहसील के 18 गांव शामिल

खेड़ीमुरार, कादमपुर, खुदालपुरा, कुराड़ा खेड़ी, नांदेड, जामली, बेरछा, खेड़ी, गवली पलासिया, अहिल्यापुर, चेनपुरा, आशापुर, मालेंडी, कोदरिया, बोरखेड़ी, चौरड़िया, न्यू गुराड़िया, कैलोद और महू का शहरी क्षेत्र।

आदिवासी अंचल को मिलेगी कनेक्टिविटी

इस रेल लाइन के निर्माण से धार, खरगोन और बड़वानी जिलों के आदिवासी अंचलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी। लगभग 35 लाख जनसंख्या को रेल सेवा के आरंभ होने से आवागमन में सुविधा मिलेगी। साथ ही इंदौर से मुंबई की दूरी भी कम होगी, जिससे लोगों का सफर आसान हो जाएगा। वर्तमान में मुंबई जाने के लिए उज्जैन, रतलाम और बड़ौदा होकर यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन इस नई रेल लाइन से यात्रा की दूरी लगभग 300 किमी कम हो जाएगी।

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