अमेरिका में भारतवंशियों ने दीवाली-नवरात्रि उत्सव मनाया एक साथ, भिलाई से भी रही भागीदारी

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भिलाई

अमेरिका में बसे भारतवंशियों ने हिंदी-यूएसए सेंट लुइस के बैनर तले तीसरा वार्षिक दिवाली और नवरात्रि महोत्सव शानदार ढंग से मनाया। जिसमें 450 से अधिक लोगों ने भाग लिया, इनमें इस्पात नगरी भिलाई से अमेरिका में अपना भविष्य गढ़ रहे युवा भी सपरिवार शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि भिलाई से जाकर अमेरिका में बस चुके हिंदी के प्रति समर्पित युवा मयंक जैन और उनकी पत्नी अंशु जैन की इस आयोजन में विशेष भागीदारी रही।

मयंक जैन ने बताया कि यह सेंट लुइस का सबसे बड़ा इंडोर भारतीय दीवाली मेला था, जिसमें 20 से अधिक विभिन्न प्रकार के स्टॉल और गतिविधियां शामिल थे। इस आयोजन ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं की समृद्धि को दशार्ते हुए पारंपरिक भोजन, संगीत, नृत्य और कई रोचक गतिविधियां प्रस्तुत कीं।

इस आयोजन में सेंट लुइस काउंटी के प्रॉसिक्यूटर और डेमोक्रेटिक पार्टी के नवनिर्वाचित मिसौरी के यूएस हाउस आॅफ रिप्रेजेंटेटिव मिस्टर वेस्ले बेल, ओसीए सेंट लुइस की उपाध्यक्ष और सेंट लुइस की वियतनामी एसोसिएशन की अध्यक्ष क्रिस्टिना ली, कन्नड़ स्कूल के नेता शशिकांत गजराज और तमिल भाषा स्कूल के नेता मिस्टर नारायण जैसे विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने इस महोत्सव में चार चाँद लगा दिए। उनकी उपस्थिति ने सेंट लुइस के विभिन्न समुदायों के बीच एकता को और भी मजबूत किया।

इस महोत्सव में उपस्थित लोगों ने फोटो बूथ, रंगोली प्रतियोगिता और रैफल ड्रॉ जैसे आनंददायक अनुभवों का आनंद लिया। बच्चों के लिए फेस पेंटिंग और गुब्बारा कला जैसी गतिविधियां भी आयोजित की गईं। नवरात्रि की थीम पर आधारित दो नृत्य प्रस्तुतियाँ-बच्चों के लिए एक विशेष नृत्य कार्यक्रम और वयस्कों के लिए एक डीजे नवरात्रि डांस ने परिवारों और समुदायों को एक साथ जोड़ा और परंपरा को हर्षोल्लास के साथ मनाया। कार्यक्रम का समापन एक भव्य आतिशबाजी के साथ हुआ। मयंक जैन ने बताया कि हिंदी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के हिंदी यूएसए के मिशन का समर्थन करते हुए, बुक स्टॉल पर भाषा संसाधन उपलब्ध कराए गए। इसके साथ ही इस आयोजन में स्थानीय व्यवसायों को भी प्रोत्साहित किया गया, जिसमें नए विक्रेता जैसे करी नेशन पिज्जा और फरजर शामिल थे।

अमेरिका में हिंदी को बढ़ावा दे रहे भिलाई के मयंक-अंशु
भिलाई से अमेरिका गए मयंक और अंशु जैन दंपति हिंदी यूएसए सेंट लुइस के माध्यम से 230 से अधिक छात्रों को हिंदी सिखाने वाली एक गैर-लाभकारी संस्था का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने इस स्कूल को पूरे मिडवेस्ट क्षेत्र और अमेरिका के सबसे बड़े हिंदी भाषा स्कूलों में से एक बना दिया है। मयंक जैन ने बताया कि वह इस स्कूल के पाठ्यक्रम को मान्यता दिलाने के प्रयास कर रहे हैं ताकि छात्रों को हिंदी अध्ययन के लिए क्रेडिट प्राप्त हो सके। मयंक जैन ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अपने 60 से अधिक स्वयंसेवकों की पूरी टीम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन सभी स्वयंसेवकों के बिना यह आयोजन संभव नहीं हो पाता।

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