इंदौर में महिला कारोबारी को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रख 1.60 करोड़ रुपए ठगे

Share on Social Media

इंदौर

देशभर में साइबर ठगों ने जाल बिछा दिया है। रोज नए तरीकों से लोगों की मेहनत के कमाई लूट रहे हैं। इंदौर में महिला कारोबारी Cyber ​​Fraud का शिकार हो गईं। जालसाजों ने महिला को ऑनलाइन फोन कर ED और CBI अफसर बनकर डराया। मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का झांसा देकर तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। बैंक अकाउंट्स की जानकारी ली। रुपयों के वैरिफिकेशन के नाम पर धमकाकर 1.60 करोड़ रुपए खाते से पार कर दिए। ठगी होने के बाद महिला ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई है।

ठगों ने कैसे महिला कारोबारी को बनाया निशाना
जानकारी के मुताबिक, शेयर एंड कमोडिटी का कारोबार करने वालीं वंदना (40) पति राजीव गुप्ता के पास 9, 10 और 11 नवंबर को वीडियो कॉल आया। फोन करने वाले ने ईडी अफसर बनकर बात की और कहा कि तुम्हारे खातों में अवैध ट्रांजेक्शन हुए हैं। उनके खाते में काले धन की जानकारी मिली है। उनके विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग का प्रकरण दर्ज हुआ है। CBI ने प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है।

एफडी तुड़वाकर खातों में ट्रांसफर किए पैसे
ठगों ने इसके बाद वंदना से वैरिफिकेशन के नाम पर बैंक खातों, कारोबार और आईडी कार्ड की जानकारी ली। ठगों ने जेल भेजने की धमकी देकर वंदना से एफडी तुड़वाकर एक करोड़ 60 लाख रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इसके लिए ठगों ने तीन दिन वंदना को डिजिटल अरेस्ट रखा। बाद में वंदना से गोल्ड लोन के नाम पर संपर्क कर रुपए देने का दबाव बनाते रहे। ठगी की शंका होने पर वंदना ने नेशनल साइबर क्राइम हेल्प लाइन पर शिकायत की तो मामले का खुलासा हुआ।

जागरूक नहीं थीं वंदना
टीआई सुरेंद्र वास्कले ने महिला से पूछा कि डिजिटल अरेस्ट के मामले मीडिया में इतने आ रहे, फिर कैसे फंस गए? इस पर महिला वंदना ने कहा कि वे जागरूक नहीं थीं। फिलहाल साइबर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। बता दें कि तीन महीने में डिजिटल अरेस्ट का यह 65वां मामला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *