‘डॉलर को नजरअंदाज करने का खेल नहीं चलेगा…’, BRICS देशों को ट्रंप की खुली धमकी

Share on Social Media

वाशिंगटन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति पर चलते हुए अब तक कई बड़े फैसले ले चुके हैं। चुनावी अभियान के समय किए गए उनके वादे सुनने में भले ही असंभव और हास्यास्पद लगें, लेकिन ट्रंप धीरे-धीरे उन्हें पूरा करने की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। चाहे वह कनाडा, मेक्सिको पर भारी टैरिफ लगाने की बात हो या फिर अवैध प्रवासियों को खदेड़ने के लिए सेना तक की मदद लेना, ट्रंप इन सब को लेकर एक्शन मोड में हैं। वहीं ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान भारत सहित BRICS के सभी देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की बात भी की थी। इसे लेकर अब ट्रंप ने एक बार फिर खुली धमकी दे दी है। ट्रंप ने कहा है कि इन देशों ने अगर डॉलर का विकल्प तलाशने की कोशिश भी की तो उन्हें अमेरिका में अपना सामान बेचने की इजाजत नहीं देंगें।

ट्रंप ने शुक्रवार को ट्रुथ सोशल पर लिखा, “यह सोच कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश करेंगे और हम सिर्फ खड़े होकर देखते रहेंगे, अब वह समय खत्म हो चुका है। हमें इन विरोधी देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो ब्रिक्स की नई करेंसी बनाएंगे, न ही अमेरिकी डॉलर की जगह किसी दूसरी करेंसी का समर्थन करेंगे, नहीं तो उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा और उन्हें अमेरिका की अर्थव्यवस्था में कुछ भी बेचने से हाथ धोना पड़ेगा।”
'अमेरिका को अलविदा करने के लिए तैयार रहें'

ट्रंप ने आगे कहा, “ऐसा हो ही नहीं सकता कि ब्रिक्स अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में या कहीं और अमेरिकी डॉलर की जगह किसी और करेंसी का प्रयोग कर ले और जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे टैरिफ का स्वागत और अमेरिका को अलविदा करने के लिए तैयार रहना चाहिए!”
ब्रिक्स समूह ने विकल्प तलाशने पर की है चर्चा

गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान भी कई बार इस तरह की चेतावनी दी थी। दिसंबर में उन्होंने खुले तौर पर यह कहा था कि अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने की कोई भी साजिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कई मौकों पर भारत और चीन का नाम लेकर भी 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही है। बता दें कि ब्रिक्स समूह में भारत और चीन के अलावा ब्राजील, रूस, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, यूएई और ईरान शामिल है। ब्रिक्स समूह ने कुछ मौकों पर अमेरिकी डॉलर के लिए दूसरे विकल्प तलाशने पर चर्चा की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *