सोने-चांदी की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल, चांदी 1 लाख के पार, सोना हुआ इतना
मुंबई
कीमती धातुओं की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। पहली बार चांदी का भाव 1 लाख रुपए प्रति किलोग्राम के पार चला गया है, जबकि सोना 91 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव और अमेरिकी बाजार की स्थिति के कारण सोना-चांदी के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं।
सोने में 25 हजार और चांदी में 26 हजार की महंगाई
मार्च 2024 से मार्च 2025 के बीच सोना और चांदी के भावों में भारी उछाल देखा गया है। एक साल पहले मार्च 2024 में फाइन सोना 66 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम था, जो अब बढ़कर 91 हजार रुपए पर पहुंच गया है। इसी तरह फाइन चांदी की कीमत 75 हजार रुपए से बढ़कर 1 लाख 1 हजार रुपए हो गई है।
सोना जेवर की कीमत – मार्च 2024 में 59 हजार रुपए थी, जो अब 84 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है।
चांदी जेवर की कीमत – पिछले साल 700 रुपए प्रति 10 ग्राम थी, जो अब 950 रुपए हो गई है।
60 दिनों में सोना 12 हजार और चांदी 9 हजार महंगी
2025 की शुरुआत से ही सराफा बाजार में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। 15 जनवरी से 15 मार्च के बीच मात्र 60 दिनों में सोना 12 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी 9 हजार रुपए प्रति किलो महंगी हुई है।
15 जनवरी 2025 – सोना 79 हजार रुपए, चांदी 92 हजार रुपए
फरवरी 2025 – सोना 87 हजार रुपए, चांदी 98 हजार रुपए
15 मार्च 2025 – सोना 91 हजार रुपए, चांदी 1 लाख 1 हजार रुपए
बाजार में हलचल, विशेषज्ञों की राय
बढ़ती कीमतों के चलते सराफा बाजार में हलचल मच गई है। व्यापारियों के अनुसार, जब सोने-चांदी के दाम बढ़ते हैं, तो इसका असर खरीदारी पर भी पड़ता है। रतलाम स्थित महावीर ज्वेलर्स के अभिषेक जैन ने बताया कि अमेरिका की आर्थिक नीतियों के कारण कीमतों में उछाल आया है और निकट भविष्य में गिरावट के आसार नहीं हैं। बंटू ज्वेलर्स के चिराग बंटू गौरी के अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक सोना 12 हजार और चांदी 9 हजार रुपए महंगी हो चुकी है, जिससे ग्राहकों की खरीदारी प्रभावित हो सकती है।
ज्यादातर जानकार सोने को लेकर फिलहाल बेहद बुलिश हैं। उनका मानना है कि ग्लोबल लेवल पर ट्रेड वॉर छिड़ने की आशंका के मद्देनजर जो अनिश्चतिता की स्थिति बनी है उसमें बतौर सुरक्षित विकल्प (safe-haven) सोने की मांग बरकरार रह सकती है।
अमेरिकी डॉलर में नरमी भी गोल्ड की कीमतों मे तेजी भर रही है। फिलहाल अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (US dollar Index) 4 महीने के अपने लो पर है। इस साल अभी तक अमेरिकी डॉलर इंडेक्स तकरीबन 5 फीसदी कमजोर हुआ है। इस दौरान 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में भी तकरीबन 26 बेसिस प्वाइंट की गिरावट आई। जब अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है तो सोना उन खरीदारों के लिए सस्ता हो जाता है जो इसे किसी अन्य करेंसी में खरीदना चाहते हैं। इससे सोने की मांग बढ़ सकती है और कीमतों में इजाफा हो सकता है। वहीं यूएस बॉन्ड यील्ड में गिरावट निवेशकों के लिए सोने के अपॉर्चुनिटी कॉस्ट (opportunity cost) को घटा देती है।
इजरायल की तरफ से गाजा में हमास के ठिकानों पर किए गए ताजा मिलिटरी स्ट्राइक के बाद मिडिल ईस्ट में जियो पॉलिटिकल टेंशन एक बार फिर बढ़ गया है जिस वजह से भी बतौर सुरक्षित विकल्प सोने की मांग में तेजी देखी जा रही है। इसके अलावा इन्वेस्टमेंट डिमांड और सेंट्रल बैंकों की खरीदारी भी कीमतों के लिए सपोर्टिव हैं।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) से मिले ताजा आंकड़ों के मुताबिक फरवरी के दौरान लगातार तीसरे महीने इन्वेस्टमेंट डिमांड में तेजी देखने को मिली।
ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ में निवेश फरवरी के दौरान 9.4 बिलियन डॉलर बढ़ा। मार्च 2022 के बाद इन्वेस्टमेंट डिमांड में यह सबसे बड़ी मासिक बढ़ोतरी है। वॉल्यूम /होल्डिंग के लिहाज से इस दौरान निवेश में 99.9 टन की वृद्धि हुई। सोने की कीमतों में तेजी और लगातार तीसरे महीने आए इनफ्लो के दम पर फरवरी 2025 के अंत तक गोल्ड ईटीएफ का एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी AUM बढ़कर रिकॉर्ड 306 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। टोटल होल्डिंग भी पिछले महीने के अंत तक 3,353 टन पर दर्ज किया गया जो जुलाई 2023 के बाद सबसे ज्यादा है। जनवरी की तुलना में एसेट अंडर मैनेजमेंट और टोटल होल्डिंग दोनों में कमश: 4.1 फीसदी और 3.1 फीसदी की वृद्धि हुई।
उधर चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) के मुताबिक उसकी तरफ से फरवरी में 5 टन सोने की खरीद की गई। छह महीने के ब्रेक के बाद पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने लगातार चौथे महीने गोल्ड खरीदा है। फरवरी के अंत तक चीन का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 2,290 टन पर पहुंच गया जो उसके कुल फॉरेक्स रिजर्व का 5.9 फीसदी है।
यदि ट्रंप की नीतियों की वजह से चीन और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर टकराहट और बढ़ती है तो शायद चीन का केंद्रीय बैंक सोने की खरीद में और तेजी लाए। इस बात की गुंजाइश इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि चीन के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड की हिस्सेदारी अभी भी 6 फीसदी के नीचे है। जबकि भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़कर 11 फीसदी के ऊपर पहुंच गई है। जानकार मानते हैं के बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य (geo-political scenario) के मद्देनजर चीन गोल्ड की हिस्सेदारी को कम से कम 10 फीसदी तक बढ़ाना चाहेगा।
फिलहाल बाजार की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की आज से शुरू हो रही दो दिवसीय मीटिंग पर है। हालांकि रेट में कटौती की गुंजाइश नहीं है फिर भी पोस्ट मीटिंग कमेंट्री का सबको बेसब्री से इंतजार है। यूएस फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल 19 मार्च (भारतीय समयानुसार 20 मार्च रात 12.30 बजे) को मीटिंग के बाद ब्याज दरों को लेकर ऐलान करेंगे।
घरेलू फ्यूचर्स मार्केट
घरेलू फ्यूचर्स मार्केट एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क अप्रैल कॉन्ट्रैक्ट फिलहाल (1:30 PM IST) 408 रुपये यानी 0.46 फीसदी की मजबूती के साथ 88,431 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर है। इससे पहले यह आज 251 रुपये चढ़कर 88,274 रुपये के भाव पर खुला और कारोबार के दौरान 88,513 रुपये के रिकॉर्ड हाई और 88,257 रुपये के लो के बीच कारोबार किया।