14 करोड़ के GST रिफंड घोटाले का भंडाफोड़, एक आरोपी गिरफ्तार

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नई दिल्ली

दिल्ली सरकार के ट्रेड और टैक्स डिपार्टमेंट ने एक बड़े GST रिफंड घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसकी कुल राशि लगभग ₹14 करोड़ है. इस मामले में अब तक ₹1.16 करोड़ की वसूली की जा चुकी है, और एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. जांच में यह पता चला है कि कुछ व्यक्तियों ने 4 फर्जी फर्में स्थापित कीं और उन्हें वैध व्यवसाय के रूप में प्रस्तुत कर अवैध रूप से GST रिफंड का दावा किया.

यह बताया जा रहा है कि यह मामला विभाग द्वारा किया गया एक अनूठा ऑपरेशन है, जिसमें अत्याधुनिक बिग डेटा एनालिटिक्स, बैंकिंग लेनदेन की श्रृंखला विश्लेषण और अन्य डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके फंड के लेनदेन का पता लगाया गया है.

विभाग ने यह पाया कि फर्जी कंपनियों के लिए इस्तेमाल किए गए PAN, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी अन्य संस्थाओं में भी सक्रिय थे. इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली में सभी संदिग्ध इकाइयों का पंजीकरण तुरंत निलंबित कर दिया गया है. साथ ही, अन्य राज्यों के संबंधित प्राधिकरणों को भी इस मामले की जानकारी दी गई है ताकि वे आवश्यक कार्रवाई कर सकें.

27 फर्जी संस्थाओं से जुड़े 45 बैंक खाते फ्रीज
इसके अतिरिक्त, फर्जी पैन कार्डों को ब्लॉक करने के लिए इनकम टैक्स विभाग के साथ सहयोग करने की सिफारिश की गई है. चूंकि कुछ धनराशि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं, जैसे हांगकांग और सिंगापुर, में भेजी गई थी, इसलिए इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट भारत सरकार के राजस्व विभाग को भी प्रेषित की जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब तक की कार्रवाई में 27 फर्जी संस्थाओं से संबंधित 45 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है, ताकि अवैध धन के और अधिक ट्रांसफर को रोका जा सके.

इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा FIR दर्ज की गई है. एक आरोपी, बंटी (पुत्र हरीश चंदर), जो एक लाभार्थी फर्म का मालिक है, को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है. उसे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उसे दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेजने का आदेश दिया. इस मामले में और भी गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है.

दिल्ली GST विभाग के अनुसार, यह कार्रवाई हमारे जीएसटी धोखाधड़ी के प्रति शून्य सहिष्णुता के दृष्टिकोण को स्पष्ट करती है. ऐसे अपराध न केवल सरकारी राजस्व को हानि पहुँचाते हैं, बल्कि ईमानदार करदाताओं पर भी अतिरिक्त बोझ डालते हैं. विभाग जीएसटी प्रणाली की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कानूनी कदम उठाता रहेगा.

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