बीमारियों का घर बढ़ती तोंद

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बढ़ती तोंद शरीर को बेडौल तो बना ही देती है, अब नए अध्ययनों से यह बात सामने आई है कि इससे उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय संबंधी बीमारियों के शिकार होने का खतरा भी बढ़ रहा है।

हमारे देश में ज्यादातर लोग इस बात को स्वीकार नहीं करते कि उनकी तोंद बढ़ रही है। शायद वे इस बात से भी अनजान हैं कि कमर का बढ़ता आकार उनके स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। देश और दुनिया के स्तर पर हुए कई शोध साफ तौर पर यह कहते हैं कि पेट के उभार का सीधा संबंध उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी बीमारियों और मधुमेह से है।

दुनिया भर में हुए शोधों में यह सामने आया है कि पुरुषों में तोंद ज्यादा होती है। वहीं महिलाओं में कूल्हे के आसपास अधिक मांस होता है। भारत में यह आंकड़ा कुछ उल्टा है। यहां छह राज्यों (ग्रामीण व शहरी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र और कर्नाटक) में 7,000 लोगों पर किए गए शोध से सामने आया है कि भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की तोंद अधिक है। पेट पर उभरा यह मांस 50 वर्ष की आयु के बाद हर चार में से एक महिला के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन रहा है।

ऑनलाइन जर्नल बीएमजी ओपन में दो सप्ताह पहले इस अध्ययन की रिपोर्ट छापी गई है। इसके अनुसार अध्ययन में शामिल लोगों में से 14 प्रतिशत ओवरवेट यानी तय सीमा से अधिक वजन वाले लोग थे। इनमें हर तीन में से एक की तोंद (35.4 इंच से अधिक कमर पुरुषों में, 31.4 इंच से अधिक कमर महिलाओं में) थी। लगभग दो तिहाई (69 फीसदी) तोंद वाली महिलाएं अमीर परिवारों की थीं, जबकि करीबन आधी यानी 46 प्रतिशत महिलाएं मध्यमवर्गीय व निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों से थीं।

बीमारियों से संबंध:- ज्यादा परेशान करने वाले तथ्य उस अध्ययन से पता चलते हैं, जो अब तक प्रकाशित नहीं हुआ है। यह अध्ययन ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज यानी एम्स, दिल्ली ने किया है। यह 20 से 60 साल के आयु वर्ग के 500 से अधिक लोगों पर किया गया। इस अध्ययन में सामने आया कि पेट पर बढ़ता मांस महिलाओं के लिए कई बीमारियों की जद में आने का खतरा बन सकता है। इस अध्ययन में शामिल रहे एम्स में अतिरिक्त प्रोफेसर डॉक्टर नवल विक्रम कहते हैं, हमने इस अध्ययन में पाया कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ी तोंद वाले पुरुषों में 12 गुना व महिलाओं में 20 गुना अधिक हो जाता है।

पेट पर जो मांस जमा है, उसके स्वरूप से भी बीमारियों के खतरे से आगाह किया जा सकता है। गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में क्लिनिकल एवं प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी के अध्यक्ष डॉक्टर आर आर कासलीवाल कहते हैं, आन्त्र से निकलता फैट, खून में फैटी एसिड्स रिलीज करता है। यह एसिड्स हार्मोंस के साथ मिल कर सूजन, बैड कोलेस्ट्रॉल, क्रिगलीसेरेड्स, रक्त ग्लूकोज और रक्तचाप को बढ़ाते हैं। ये न केवल हृदय संबंधी बीमारियों और हृदयाघात के खतरे को बढ़ाते हैं, बल्कि कुछ एस्ट्रोजन सेंसिटिव कैंसर जैसे रजोनिवृत्ति के बाद ब्रेस्ट और गर्भाश्य के कैंसर के खतरे को बढ़ा देते हैं।

कैसे बढ़ी समस्या:– फोर्टिस सी-डॉक के अध्यक्ष डॉक्टर अनूप मिश्रा (जिन्होंने एम्स में अपने कार्यकाल के दौरान अध्ययन करने वाले दल की अध्यक्षता की थी) के अनुसार, भारत में हमने जो अध्ययन किया, उसमें पुरुषों के कमर का साइज 78 सेमी निर्धारित किया था और महिलाओं के लिए 72 सेमी। जो भी इससे अधिक कमर वाले पाए गए, वे अच्छा वजन होने के बावजूद भी कम से कम एक मेटाबॉलिक बीमारी की जद में आने के खतरे में थे।

कई अन्य अंतरराष्ट्रीय अध्ययन भी बढ़ती कमर और हृदय संबंधी बीमारियों व मधुमेह के संबंध को स्वीकार करते हैं। अमेरिका में हुए एक अध्ययन में 45,000 महिलाओं का 16 साल के लिए अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि बढ़ी कमर वाली महिलाएं (35 इंच या इससे अधिक कमर) हृदयाघात से मरने के दोगुने खतरे में थीं, बनिस्पत उन महिलाओं के, जिनकी कमर 28 इंच से कम थी। यह शोध नर्सेज हेल्थ स्टडी में छपा था। डॉक्टर विक्रम कहते हैं, जब हमारा शरीर फैट एकत्रित करता है तो उसके कई कारण हो सकते हैं। यह आनुवंशिक हो सकता है या फिर हार्मोन के कारण भी। हालांकि सबसे प्रमुख कारण खान-पान पर नियंत्रण है।

अच्छे वजन वाले फिट लोगों की भी तोंद हो सकती है, इसलिए पैकेट वाले भोजन से बचना चाहिए और शारीरिक तौर पर अधिक परिश्रमी होना चाहिए, ताकि शरीर शेप में रहे। तनाव पर नियंत्रण और पूरी नींद भी इसमें अहम रोल अदा करती है। डॉक्टर कासलीवाल कहते हैं, कुल मिला कर सब कुछ स्वस्थ जीवनशैली पर निर्भर करता है। जिस तरह से आप जीते हैं, वह आपके स्वास्थ्य पर भी झलकता है। इसलिए जितना जल्दी आप तनावमुक्त जीवन जीना आरंभ करेंगे, उतनी जल्दी आपका शरीर सही आकार में आ जाएगा।

परेशान होने का समय…

-अगर आपके शरीर में अतिरिक्त फैट है

-अगर आप प्रतिदिन 6 से 7 घंटे की नींद नहीं ले रहे हैं

-ट्रांस फैट वाला भोजन, पैकेट वाला खाना, प्रिजरवेटिव वाला भोजन अधिक मात्रा में कर रहे हैं

-फल और सब्जियों का पर्याप्त मात्रा में सेवन नहीं कर रहे

-दिन में दो गिलास शराब से अधिक पी रहे हैं

-अत्यधिक तनाव में हैं और शारीरिक श्रम नहीं कर रहे

-फैटी लिवर है तोंद है या पेट के आसपास सूजन है

बढ़ता खतरा:– आन्त्र द्वारा निकला फैट शरीर के भीतर ही जमा होता जाता है। पेट के भीतर यह लिवर, किडनी और आंत के आसपास जमा हो जाता है। इसके कारण मेटाबॉलिक बदलाव होते हैं, जो टोटल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देते हैं। इसके साथ एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और एचडीएल यानी अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है। इससे रक्तचाप बढ़ता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।

पांच तरीके फ्लैट पेट के लिए:– पर्सनल ट्रेनर शालिनी भार्गव कहती हैं कि पेट को फ्लैट करने में समय लगता है। इसके लिए आपको वचनबद्ध, एकाग्र और धैर्यवान बनना होगा। इसके लिए ये उपाय अपनाएं…

-पेट की चर्बी कम करने में सबसे कारगर है एरोबिक व्यायाम। पेट के व्यायाम करें।

-स्टेबिलिटी बॉल और डंबल्स की मदद से क्रंचेज करें।

-पेट का मध्य भाग पेट की हड्डियों से बना होता है। यह हड्डियां आपकी कमर और उसके निचले भाग की हड्डियों को मिला कर करीब 15 हड्डियों से मिली होती हैं, इसलिए प्लैंक्स करें।

-जब भी चलें या बैठें तो सीधे बैठें। जब भी चलें या व्यायाम करें तो पेट को अंदर की ओर सिकोड़ें। अधिक से अधिक फाइबर खाएं। प्रतिदिन 10 ग्राम फाइबर लेने से पेट में 4 प्रतिशत कम चर्बी जमा होगी। दो सेब या दो कप ब्रोकली आपको 10 ग्राम फाइबर दे सकते हैं।

इनसे मिलेगी जल्द राहत…

-ताजे फल, सब्जियां खाएं। भोजन में होल ग्रेन यानी संपूर्ण अनाज को शामिल करें।
-प्रतिदिन 40 मिनट तक व्यायाम अवश्य करें।
-स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या वेट एक्सरसाइज करें।
-तनाव ना लें। मदिरा पान कम करें।

 

 

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