प्रदेश के हर व्यक्ति को समय पर, सुलभ और उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने सरकार प्रतिबद्ध: उप मुख्यमंत्री शुक्ल

Share on Social Media

भोपाल

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के हर व्यक्ति को समय पर, सुलभ और उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों और अन्य चिकित्सा मैनपावर की कमी एक प्रमुख चुनौती है, जिसे प्रभावी रणनीतियों से दूर किया जाना जरूरी है। इसके लिए मेडिकल के साथ नॉन-मेडिकल हस्तक्षेपों पर भी काम करना होगा। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि प्रदेश में सभी स्वास्थ्य सेवाओं और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो ताकि स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदेश के हर क्षेत्र और हर वर्ग तक पहुँच सकें। उप मुख्यमंत्री शुक्ल से आज मंत्रालय भोपाल में वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट की। उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र को और सशक्त बनाने के लिए विभिन्न विषयों और अंतःक्षेपों पर विस्तृत चर्चा की।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को मजबूत बनाने के लिए फर्स्ट रेफरल यूनिट्स के रूप में विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में वृद्धि के साथ मैनपॉवर व्यवस्था के लिये व्यापक भर्तियाँ की जा रही है। इन प्रयासों के सदुपयोग से स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण और स्वास्थ्य मानकों में सुधार शासन का लक्ष्य है।

तात्कालिक और दीर्घकालिक लाभ के लिये दें सुझाव

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने विशेष रूप से शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) और मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मानकों में सुधार लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन मानकों में सुधार के लिए ऐसी रणनीतियां बनाई जानी चाहिए जो शॉर्ट टर्म में त्वरित प्रभाव दें साथ ही दीर्घकालिक समाधान भी प्रदान करें। उन्होंने वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि मंडल से प्रदेश की वर्तमान स्वास्थ्य चुनौतियों का सटीक आकलन कर ऐसे सुझाव देने के लिये कहा जिनसे तात्कालिक और दीर्घकालिक लाभ चरणबद्ध रूप से प्राप्त हो सके।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि वर्ल्ड बैंक का यह अध्ययन प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र को समझने और सुधारात्मक कदम उठाने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेगा। बैठक में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की वर्तमान स्थिति, स्वास्थ्य सूचकांकों का अध्ययन, गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के विस्तार और बीमारियों के भौगोलिक वितरण के विश्लेषण पर गहन मंथन हुआ। उल्लेखनीय है कि वर्ल्ड बैंक प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र का अध्ययन कर मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्तीकरण के लिए सुझाव प्रस्तुत करेगा ताकि हर नागरिक को यूनिवर्सल और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो सकें।

"गेटिंग हेल्थ रिफॉर्म राइट" फ्रेमवर्क के तहत वर्ल्ड बैंक मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुधार के लिए अध्ययन कर देगा सुझाव

वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि अमित नागराज ने बताया कि "गेटिंग हेल्थ रिफॉर्म राइट" फ्रेमवर्क के तहत वर्ल्ड बैंक मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुधार के लिए एक समग्र और साक्ष्य-आधारित अध्ययन करेगा। यह अध्ययन प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र की मौजूदा चुनौतियों और अवसरों का विश्लेषण करेगा और यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सुधारात्मक कदम सुझाएगा। इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य तंत्र को अधिक प्रभावी, सशक्त और समान बनाने के साथ-साथ प्रदेश के नागरिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है।

वर्ल्ड बैंक प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए अपने कार्यों और सफल योजनाओं के आधार पर मध्यप्रदेश के लिए उपयुक्त और व्यावहारिक सिफारिशें देंगे। यह अध्ययन जनवरी 2025 से शुरू होगा और मार्च 2025 तक अपनी अंतिम रिपोर्ट और कार्यान्वयन रोडमैप प्रस्तुत करेगा। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, ऐग्पा के एडिशनल सीईओ लोकेश शर्मा, वर्ल्ड बैंक की हेल्थ स्पेशलिस्ट सुजिज्ञासा शर्मा, क्रिस एंडरसन और विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *