गोल्ड स्मगलिंग: रान्या राव की जमानत पर कोर्ट आदेश 14 मार्च तक सुरक्षित

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बेंगलुरु

बेंगलुरु हवाई अड्डे पर करीब 14 किलो सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री रन्या राव ने बुधवार को अपनी जमानत याचिका में दावा किया कि उन्हें "नींद के अधिकार" से वंचित रखा गया। रन्या की गिरफ्तारी राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा की गई थी, जब वह दुबई से बेंगलुरु लौट रही थीं। इस मामले ने कर्नाटक में खासी सुर्खियां बटोरी हैं, खासकर इसलिए क्योंकि रन्या एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की सौतेली बेटी हैं।रान्या राव की जमानत पर कोर्ट आदेश 14 मार्च तक सुरक्षित .
"महिला होने के बावजूद आराम नहीं दिया गया"

रान्या राव की वकील किरण जावली ने अदालत में कहा कि 3 मार्च की शाम से 4 मार्च की सुबह 7 बजे तक तीन बार पूछताछ के लिए समन भेजा गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राव को "महिला होने के बावजूद" आराम करने या सोने की अनुमति नहीं दी गई। इससे पहले, सोमवार को अदालत में पेशी के दौरान राव ने दावा किया था कि हिरासत में उनसे दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें धमकाया गया। सोशल मीडिया पर उनकी सूजी हुई आंखों और चेहरे पर चोट के निशान वाली तस्वीरें सामने आने के बाद यह मामला और चर्चा में आ गया। हालांकि, गिरफ्तारी मेमो में पहले से ही उनकी आंखों के नीचे चोट के निशान दर्ज थे।

रन्या के वकील ने विशेष अदालत में तर्क दिया कि उनकी मुवक्किल को गिरफ्तारी के बाद उनके अधिकारों की जानकारी नहीं दी गई और पूछताछ के दौरान उन्हें नींद से वंचित रखा गया। वकील ने यह भी दावा किया कि रन्या का बयान "स्वैच्छिक नहीं" था और डीआरआई द्वारा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया। गिरफ्तारी घोषणा का दस्तावेज गायब है। उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 102 के तहत तुरंत मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने की मांग की गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि रन्या के बयान को सबूत के तौर पर स्वीकार न किया जाए। इसके अलावा, यह तर्क भी दिया गया कि "महिलाओं को हत्या जैसे गंभीर मामलों में भी जमानत मिल रही है," तो रन्या को भी राहत दी जानी चाहिए।
"फंसाई गई हैं"

रन्या ने पूछताछ के दौरान दावा किया कि वह "फंसाई गई हैं" और उनकी कोई गलत मंशा नहीं थी। हालांकि, उनके आधिकारिक बयान में उन्होंने सोने की छड़ों की मौजूदगी को स्वीकार किया था, जिससे जांच में विरोधाभास पैदा हुआ है। डीआरआई ने उनके मोबाइल फोन और लैपटॉप को जब्त कर लिया है और उनकी संचार रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।

अदालत ने रन्या की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है और डीआरआई को जांच के लिए और समय दिया गया है। इस बीच, रन्या के दोस्त तरुण राजू को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है, जो बेंगलुरु के एक बड़े होटल मालिक के पोते हैं। यह मामला अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है, जिसमें विपक्षी दल बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर "प्रभावशाली लोगों को बचाने" का आरोप लगाया है।
क्या है पूरा मामला?

3 मार्च को दुबई से लौटने पर रान्या राव को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर डीआरआई अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था। उनके पास से 14.56 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की छड़ें बरामद की गईं, जिन्हें कमर और पैरों के अंदरूनी हिस्सों में छिपाया गया था। छापेमारी में उनके घर से 2 करोड़ रुपये मूल्य का अतिरिक्त सोना और 2.67 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रान्या राव ने पिछले 15 दिनों में चार बार दुबई की यात्रा की थी, और पिछले एक साल में 27 बार विदेश गई थीं। जांच एजेंसियों का मानना है कि वह एक बड़े तस्करी नेटवर्क का हिस्सा थीं और प्रति किलोग्राम सोने की तस्करी के लिए 5 लाख रुपये तक कमीशन लेती थीं।
सौतेले पिता ने किया किनारा

रान्या राव के सौतेले पिता और कर्नाटक स्टेट पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन एवं एमडी रामचंद्र राव ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा, "मैं इस खबर से स्तब्ध और निराश हूं। मेरी रान्या से शादी के बाद से कोई बातचीत नहीं हुई, और मुझे उसके पति जतिन हुक्कर के व्यवसाय की कोई जानकारी नहीं है।" हालांकि, कर्नाटक सरकार ने उनके खिलाफ अलग से जांच के आदेश दे दिए हैं।

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