गंगा का रौद्र रूप: विश्वनाथ मंदिर की सीढ़ियों को डुबोया, अस्सी घाट पर सड़क तक पहुँचा पानी
वाराणसी
काशी में गंगा खतरे के निशान 71.26 को पार गई है। शनिवार रात 12 बजे गंगा का जलस्तर 71.31 मीटर पहुंच गया। 84 घाटों को डुबोने के बाद अब गंगा शहर में प्रवेश कर चुकी हैं। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार से गंगा 14 सीढ़ी नीचे हैं।
दशाश्वमेध घाट की तीन सीढ़ियां बची हैं। शीतला घाट पर मंदिर पूरी तरह से पानी में समाहित हो चुका है और सिंधिया घाट पर रत्नेश्वर महादेव के मंदिर के शिखर का कुछ हिस्सा ही नजर आ रहा है। नमो घाट पर बने स्क्ल्पचर भी डूब गए हैं। लोग घरों में फंसे हैं। अस्सी घाट पर गंगा का पानी सड़क पर बह रहा है। जगन्नाथ मंदिर के गेट के पास पहुंच गया है।
काशी में गंगा खतरे के निशान 71.26 को पार गई है। शनिवार रात 12 बजे गंगा का जलस्तर 71.31 मीटर पहुंच गया। 84 घाटों को डुबोने के बाद अब गंगा शहर में प्रवेश कर चुकी हैं। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार से गंगा 14 सीढ़ी नीचे हैं।
दशाश्वमेध घाट की तीन सीढ़ियां बची हैं। शीतला घाट पर मंदिर पूरी तरह से पानी में समाहित हो चुका है और सिंधिया घाट पर रत्नेश्वर महादेव के मंदिर के शिखर का कुछ हिस्सा ही नजर आ रहा है। नमो घाट पर बने स्क्ल्पचर भी डूब गए हैं। लोग घरों में फंसे हैं। अस्सी घाट पर गंगा का पानी सड़क पर बह रहा है। जगन्नाथ मंदिर के गेट के पास पहुंच गया है।
इन इलाकों में बाढ़ पीड़ितों के लिए नक्खीघाट स्थित चित्रकूट कॉन्वेंट इंटर कॉलेज और दनियालपुर के नवोदय पब्लिक स्कूल में राहत शिविर बनाया गया है। शिविरों में 147 शरणार्थी शनिवार तक शरण ले चुके थे।
नक्खीघाट निवासी अनु देवी, जमाल अंसारी, सिमरन, हबीबा बीवी ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय दनियालपुर पास होने के बावजूद शिविर नहीं बना, जबकि राहत केंद्र उनके घरों से दूर हैं। लोग ऊंचे स्थानों पर निजी रूप से शरण लेने को विवश हैं।