बनारस के घाट से बुद्ध सर्किट तक, यूपी पर्यटन का पवेलियन बना आकर्षण का केंद्र

Share on Social Media

यूपी पर्यटन पवेलियन में दिखी संस्कृति की झलक, बनारस के घाट और बुद्ध सर्किट ने खींचा ध्यान

ग्रेटर नोएडा
यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 में हॉल नंबर-7 का स्टॉल नंबर-12 दर्शकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां आते ही आगंतुकों को ऐसा अनुभव मिलता है मानो वे किसी मेले में नहीं, बल्कि सीधे उत्तर प्रदेश की धरती पर पहुँच गए हों। कहीं बनारस के घाटों की झलक दिखती है तो कहीं काशी विश्वनाथ धाम और बुद्ध सर्किट की भव्यता नज़र आती है। यही नहीं, आधुनिक तकनीक से लैस एआर फोटो बूथ युवाओं की सेल्फी और तस्वीरों का नया केंद्र बन गया है।

बनारस का माहौल, गंगा आरती का अनुभव
स्टॉल के प्रवेश द्वार को बनारस की गंगा आरती से प्रेरित कर डिजाइन किया गया है। आगंतुक जैसे ही अंदर आते हैं, उन्हें दीप जलाए कलाकारों और गंगा घाट की नकल करते चबूतरों पर बैठे प्रस्तुति देते कलाकार दिखाई देते हैं। स्टॉल में लगाए गए इन बीआर अनुभव (Immersive VR) के जरिए आगंतुकों को ऐसा आभास होता है मानो वे गंगा की लहरों पर नाव में सवार होकर बनारस की यात्रा कर रहे हों। स्टॉल पर मौजूद दीपिका सिंह ने बताया, “गंगा आरती से प्रेरित यह माहौल हर आगंतुक को आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराता है। हमारा प्रयास है कि लोग यूपी के पर्यटन स्थलों से भावनात्मक रूप से जुड़ें।”

बुद्ध सर्किट द्वार पर युवाओं की भीड़
स्टॉल में बनाया गया बुद्ध सर्किट द्वार युवाओं का पसंदीदा सेल्फी प्वाइंट बन चुका है। गाजियाबाद से आए आगंतुक अमित ने कहा, “बुद्ध के उपदेश आज के समय में और भी ज़्यादा प्रासंगिक हैं। यह द्वार न केवल एक फोटो स्पॉट है बल्कि संदेश देता है कि शांति और करुणा हमारी जीवनशैली का हिस्सा होनी चाहिए।”

स्टॉल में आने वाले छात्र और शोधार्थी भी इसे बेहद रोचक मान रहे हैं। उनका कहना है कि यह यूपी के बौद्ध पर्यटन सर्किट के महत्व को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का प्रभावी माध्यम है।

धरोहर और जायकों का संगम
स्टॉल केवल धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां यूपी की हस्तकला और लजीज जायकों का भी संगम दिखता है। सहारनपुर की लकड़ी की कारीगरी, कन्नौज का इत्र, मुरादाबाद का ब्रासवर्क, भदोही के कालीन, वाराणसी की बूटीदार सिल्क साड़ी, आगरा का पेठा, मथुरा का पेड़ा और बनारसी पान यहां आने वाले हर आगंतुक को आकर्षित कर रहे हैं।
दीपिका सिंह ने बताया, “हमने कोशिश की है कि इस छोटे से हिस्से में पूरा यूपी समा जाए। कोई स्वाद लेना चाहे या स्मृति चिन्ह साथ ले जाना चाहे, यहां सब उपलब्ध है।”

मंदिरों संग डिजिटल फोटो और तकनीकी नवाचार
यूपी पर्यटन विभाग के इस स्टॉल की सबसे बड़ी विशेषता एआर फोटो बूथ है। यहां आगंतुक अपनी पसंद का मंदिर या पर्यटन स्थल चुनकर उसके साथ डिजिटल फोटो खिंचवा सकते हैं। फोटो खिंचने के तुरंत बाद आगंतुकों को एक क्यूआर कोड दिया जाता है, जिसे स्कैन कर वे अपनी तस्वीरें सीधे मोबाइल पर डाउनलोड कर सकते हैं। दिल्ली से आए युवा पर्यटक नेहा ने कहा, “यह अनुभव बिल्कुल नया है। मुझे ऐसा लगा जैसे मैं सचमुच मथुरा के मंदिर में खड़ी हूं। इसे देखकर मेरे दोस्तों ने भी स्टॉल पर आने की जिद की।”

यूपी की पहचान और निवेश की संभावना
इस स्टॉल के जरिए न केवल पर्यटन स्थलों को प्रमोट किया जा रहा है बल्कि ‘एक जिला, एक उत्पाद’ जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को भी सामने लाया गया है। इस तरह की प्रस्तुति न केवल युवाओं और पर्यटकों को आकर्षित करती है, बल्कि राज्य में निवेश और पर्यटन को भी बढ़ावा देती है।

 स्टॉल की खासियत

▪️बनारस की गंगा आरती से प्रेरित प्रवेश द्वार और घाट जैसा माहौल

▪️इन वीआर अनुभव से नाव में बैठकर बनारस का वर्चुअल भ्रमण सा अनुभव

▪️बुद्ध सर्किट गेट युवाओं का पसंदीदा सेल्फी प्वाइंट

▪️कन्नौज का इत्र, मुरादाबाद का ब्रासवर्क, भदोही के कालीन समेत यूपी की समृद्ध विरासत

▪️एआर फोटो बूथ से मंदिरों और धरोहरों के साथ डिजिटल फोटो और तुरंत डाउनलोड सुविधा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *