पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस ने कहा- निज्जर की हत्या मलिक की हत्या का बदला लेने के लिए की गई थी

Share on Social Media

कनाडा
भारत और कनाडा के बीच चल रहे तनाव के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर नया खुलासा हुआ है। कनाडा की पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जोडी थॉमस ने कहा कि शुरुआती खुफिया जानकारी और पुलिस जांच से संकेत मिला था कि निज्जर की हत्या रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या का बदला लेने के लिए की गई थी। थॉमस ने कहा कि गहन जांच के बाद निज्जर की हत्या की कड़ी एक न्यायिक हत्या से आकर जुड़ गई। उन्होंने ने अपने बयान में खुलासा किया है कि आखिर बार-बार सबूत मांगने के बाद भी कनाडा इस मामले में भारत को सबूत क्यों नहीं दे पाया। कनाडा की पूर्व एनएसए के बयान से साफ जाहिर होता है कि निज्जर की हत्या के मामले कनाडा खुद में ही काफी कन्फ्यूज है।
 

मलिक की हत्या से जुड़े हैं निज्जर की हत्या के तार?

उल्लेखनीय है कि निज्जर की हत्या को शुरुआत में कनाडा ने रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के बदले से जोड़ा। बता दें रिपुदमन सिंह मलिक पर 1985 के एयर इंडिया कनिष्क बम विस्फोट में शामिल होने का आरोप था। यह विस्फोट भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी विमान त्रासदियों में से एक रहा, इस हादसे में 329 लोग मारे गए थे। साल 2022 में मलिक की हत्या के बाद खालिस्तान टाइगर फोर्स के नेता हरदीप सिंह निज्जर ने उसे गद्दार कहा था। निज्जर के बयान के एक साल बाद ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में उसकी भी हत्या कर दी गई। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी निज्जर की हत्या में भारत का हाथ बताया था। ट्रूडो के इस बयान को भारत ने बेतुका बताते हुए खारिज भी कर दिया और कनाडा से इन आरोपों को लेकर पुख्ता सबूत मांगे। मगर कनाडा ने कोई पुख्ता सबूत नहीं दिए। थॉमस ने अपने बयान में यह भी सफाई दी कि आखिर भारत के बार-बार सबूत मांगने के बावजूद इस सिलसिले में कनाडा ने सबूत मुहैया क्यों नहीं कराया।
 

निज्जर की हत्या को लेकर कन्फ्यूज है कनाडा?

कनाडा की विदेश हस्तक्षेप जांच के सामने पेश होते हुए थॉमस ने कहा, "निज्जर की हत्या उसी गुरुद्वारे में दूसरी हाई-प्रोफाइल हत्या थी, जहां मलिक की हत्या लगभग एक साल पहले हुई थी। प्रारंभिक रूप से यही माना गया था कि यह बदले की कार्रवाई थी।" हालांकि, थॉमस ने माना कि जांच के दौरान और खुफिया जानकारी सामने आने पर यह संकेत मिला कि यह हत्या एक न्यायिक हत्या हो सकती है। यहां यह बात काफी अहम हो जाती है कि थॉमस के बयानों से साफ जाहिर होता है कि निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है और वह अनुमानों के जरिए इस हत्या की गुत्थी सुलझाने में लगा है।
 

कनाडा क्यों नहीं दे पाया भारत को सबूत

जोड़ी थॉमस ने यह भी बताया कि कनाडा ने भारत के साथ इस मामले में ज्यादा जानकारी क्यों साझा नहीं की। उन्होंने कहा, "हम उतने सबूत साझा नहीं कर पाए जितना अमेरिका कर सकता था, क्योंकि हम इस हत्या की जांच कर रहे थे।" बुधवार को ट्रूडो ने भी यह स्वीकार किया कि कनाडा ने अभी तक भारत को निज्जर की हत्या के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं दिया है। उन्होंने कहा, "यह मुख्य रूप से खुफिया जानकारी पर आधारित है, ठोस सबूत नहीं है।"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *