पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक बार फिर खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया

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नई दिल्ली
लंबे समय तक जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर निकले आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक बार फिर खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया। जैन ने कहा कि 7 साल से सीबीआई जांच कर रही है, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ जांच पूरी नहीं हो पाई है। एक इंटरव्यू के दौरान वह अपने परिवार और खासकर पिता का जिक्र करके फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने बताया कि कैसे उनका परिवार शुरुआत में उनके चुनाव लड़ने के विरोध में था और फिर उन्होंने ही आगे बढ़ने को कहा।

अपने एक सहयोगी को दिए इंटरव्यू में सत्येंद्र जैन कहा कि जेल में उनके मन में इस बात का गिल्ट था कि परिवार को कहां फंसा दिया। उनकी तो कोई गलती नहीं थी, मुझे शौक चढ़ा था ना कि देश के लिए कुछ करूं, मेरे परिवार का क्या अपराध था। गिल्ट था कि अपने परिवार के साथ मैंने ऐसा क्या किया, दूसरा ख्याल यह आता था मन में कि मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ जब मैंने कोई गलत काम नहीं किया।

'आप' के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए इंटरव्यू में सत्येंद्र जैन अपने पिता की बात करते हुए भावुक हो जाते हैं। उन्होंने खुद को संभालने की कोशिश की, लेकिन फूट-फूटकर रोने लगे। चुनाव लड़ने को लेकर पिता से हुई बातचीत और फिर उनके निधन की बात करके वह रोने लगे। जैन ने कहा कि कोरोना काल में वह स्वास्थ्य मंत्री के रूप में काम करते हुए इतने व्यस्त थे कि पिता के निधन पर एक दिन रो भी ना सके।

मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल गए सत्येंद्र जैन ने याद किया कि कैसे उनके पिता और पत्नी शुरुआत में उनके चुनाव लड़ने का विरोध कर रहे थे और फिर बाद में उन्होंने कहा कि अब पीछे नहीं हटना है। जैन ने कहा, 'जब 2012 में मुझे पहली बार टिकट मिला तो मेरे पिता ने कहा कि यह लुच्चे लफंगों का काम है। हम इज्जतदार लोग हैं। 2-3 दिन बाद ही मुझे एक प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। दो दिन तिहाड़ जेल में रहा। जेल में ही मैंने तय कर लिया था कि चुनाव नहीं लड़ूंगा। लेकिन बाहर निकला तो पिता ने कहा कि क्या सिर्फ लुच्चे-लफंगे चुनाव लड़ेंगे, शरीफ लड़ेगा तो उसे गिरफ्तार कर लेंगे। उन्होंने कहा कि अब चुनाव लड़ना ही है।' इस दौरान उनका गला भरा रहा और आंखें नम थीं। दो बार वह फूट-फूटकर रोने लगे।

जैन ने कहा कि जेल से वापस आने के बाद (2013 में) उनकी पत्नी चुनाव लड़ने के विरोध में थी लेकिन उन पर हुए एक हमले के बाद पत्नी भी साथ आ गई और कहा कि अब भले ही गोली मार दें चुनाव लड़ना ही है।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि उन्होंने जेल जाने के बाद एक साल तक अनाज नहीं खाया, क्योंकि 25 साल से उनका प्रण चल रहा था कि वह मंदिर जाने से पहले अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। जैन ने कहा कि वह जेल में खीरा, टमाटर आदि खरीदकर खाते और अन्न ना खाने की वजह से उनका 38 किलो वजन कम हो गया। पू्र्व मंत्री ने कहा कि उनका वजन आधा हो गया है लेकिन जोश दोगुना हो गया है।

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