दत्तक पुत्र की भांति वृद्धजनों को अडाप्ट करने पर फोकस किया जाए : मंत्री कुशवाह

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वृद्धजनों के कल्याण में परिवार जैसा स्नेह जरूरी, बोले मंत्री कुशवाह

‘दत्तक पुत्र की तरह वृद्धजनों को अपनाना होगा’ – मंत्री कुशवाह ने समाज को दिया संदेश

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए सुझाव

भोपाल

सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह गुरूवार को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित सामाजिक कल्याण एवं सुरक्षा क्षेत्र पर मंत्री समूह की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए। बैठक केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। मंत्री कुशवाह ने ईज ऑफ डुइंग बिजनेस, ईज ऑफ लिविंग को बेहतर बनाने तथा नागरिकों और उद्यमों पर अनुपालन बोझ कम करने के लिए दत्तक पुत्र की भांति वृद्धजनों को अडॉप्ट करने, पैरेंटल केयर लीव लिए जाने तथा सशुल्क वृद्धाश्रमों को पीपीपी मोड पर विकसित करने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से समाज कल्याण के क्षेत्र में बेहतर कार्य हो सकेगा।

मंत्री कुशवाह ने कहा कि वृद्धजनों को समाज की मुख्य धारा में बनाए रखने की जरूरत है, जो वृद्धजन शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, उनको क्षमता के अनुसार रचनात्मक कार्यों से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी वृद्धाश्रमों, नशा मुक्ति केंद्र, डीआरसी भिक्षु गृह आदि के संचालन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिव प्रोसीजर बनाया जाना चाहिए। सभी जरूरतमंदों के लिए एक हेल्पलाइन विकसित किए जाने, ट्रांसजेण्डर व्यक्तियों को 50 वर्ष की आयु के बाद वृद्धजनों का दर्जा दिए जाने तथा केन्द्र में ओबीसी एवं एससी विभाग पृथक पृथक बनाए जाने का सुझाव भी दिया।

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कि विकसित भारत 2047 की परिकल्पना को आगे बढ़ाने के लिये सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय समाज के वंचित वर्गों के विकास के लिए एक रोड मैप पर कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में सभी प्रदेशों के सामाजिक न्याय विभागों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया और न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन के अनुरूप संस्थाओं को सुदृढ़ बनाना, केंद्र, राज्य, नगर निगम सुधारों की पहचान करना और मौजूदा कानून में आवश्यक संशोधन पर भी विचार किया जा रहा है। इसी कड़ी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुझाव आमंत्रित किए गये है।

 

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