पाकिस्तान में आटे का हाहाकार: पंजाब सरकार के गेहूं बैन से रावलपिंडी-इस्लामाबाद में कोहराम

Share on Social Media

इस्लामाबाद 
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और रावलपिंडी में आटे का भीषण संकट गहराता जा रहा है। पंजाब फूड डिपार्टमेंट द्वारा दोनों शहरों की मिलों को गेहूं सप्लाई पर अचानक प्रतिबंध लगाने के बाद हालात नियंत्रण से बाहर होने लगे हैं। फ्लोर मिल्स एसोसिएशन ने सोमवार से आटे की सप्लाई बंद करने की घोषणा कर दी है, जिससे देश की दो अहम आबादी वाले इलाकों में खाद्य आपात स्थिति की आशंका बढ़ गई है।

बाजारों से गायब हुआ आटा
मीडिया के अनुसार, पंजाब सरकार के आदेश के बाद शुक्रवार रात से ही सभी आटा मिलों, तंदूर मालिकों और किराना दुकानों के गेहूं और आटे के ऑर्डर रद्द कर दिए गए हैं। इसके चलते बाजारों में लाल आटा (रेड फ्लोर) और फाइन फ्लोर दोनों की भारी किल्लत हो गई है। रावलपिंडी फ्लोर मिल्स एसोसिएशन ने इस संकट पर आपात बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता पैट्रन-इन-चीफ शेख तारिक सादिक ने की। उन्होंने पंजाब सरकार के निर्णय की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि “रावलपिंडी और इस्लामाबाद पूरी तरह पंजाब की गेहूं सप्लाई पर निर्भर हैं। अगर परमिट तुरंत बहाल नहीं किए गए, तो उत्पादन और वितरण दोनों ठप हो जाएंगे। एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने यह “अविवेकपूर्ण फैसला” वापस नहीं लिया, तो स्थिति मानवीय संकट में बदल सकती है।

तंदूर मालिकों का गुस्सा: कीमतें दोगुनी, दुकानें सील
पाकिस्तान नानबाई एसोसिएशन के अध्यक्ष शफीक कुरैशी ने बताया कि 79 किलो के लाल आटे की बोरी की कीमत 5,500 पाकिस्तानी रुपये से बढ़कर 11,000 रुपये हो गई है। वहीं फाइन फ्लोर की कीमत 6,200 से बढ़कर 12,600 रुपये पहुंच गई है।कुरैशी ने सरकार पर “राज्य उत्पीड़न” (State Oppression) का आरोप लगाते हुए कहा कि 1 अक्टूबर से अब तक दर्जनों तंदूर गिराए गए, 79 सील किए गए, और 100 से अधिक मालिकों पर 25,000–50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि “अगर गेहूं आपूर्ति की गड़बड़ी दूर नहीं की गई, तो रोटी आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएगी और जनता का सब्र टूट सकता है।” 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *