अहमदाबाद विमान हादसे के दो दिन बाद भी शवों के मिलने का सिलसिला जारी, पिछले हिस्से से एक और शव बरामद हुआ
अहमदाबाद
अहमदाबाद में प्लेन क्रैश वाली जगह से शनिवार को एक और शव बरामद हुआ है। आज जब बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से मलबा हटाया जा रहा था, तब विमान की टेल में फंसा हुआ था, जिसे नीचे उतारा। बाद में इसका पोस्टमॉर्टम हुआ है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह शव एयर होस्टेस का हो सकता है।
उधर, आज भी मारे गए लोगों की DNA सैंपलिंग का काम जारी है। सिविल अस्पताल के बाहर परिजन की भीड़ है। यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम है। पोस्टमॉर्टम यूनिट के आसपास बाहरी लोगों की एंट्री बंद है।
दिव्य भास्कर के मुताबिक, सिविल अस्पताल में अब तक 270 से ज्यादा शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। इसके अलावा, 230 लोगों की DNA सैंपलिंग की जा चुकी है। 8 शवों की शिनाख्त हो गई है।
पायलट का आखिरी मैसेज सामने आया अहमदाबाद प्लेन क्रैश मामले में विमान के पायलट सुमित सभरवाल का एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) को भेजा गया आखिरी मैसेज सामने आया है। 4-5 सेकेंड के संदेश में सुमित कह रहे हैं, 'मेडे, मेडे, मेडे… थ्रस्ट नहीं मिल रहा। पावर कम हो रही है, प्लेन उठ नहीं रहा। नहीं बचेंगे।'
फ्लाइट नंबर 171 को बंद करेगी एअर इंडिया
एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस ने विमान हादसे के बाद फ्लाइट नंबर 171 को बंद करने का फैसला किया है।
सूत्रों के मुताबिक, आमतौर पर किसी घातक विमान हादसे के बाद एयरलाइंस उस फ्लाइट नंबर का इस्तेमाल बंद कर देती हैं।
17 जून से अहमदाबाद-लंदन गैटविक रूट की फ्लाइट AI 171 की जगह AI 159 के नंबर से चलेगी। शुक्रवार से ही बुकिंग सिस्टम में जरूरी बदलाव कर दिए गए हैं।
मनीषा थापा तो नहीं, प्लेन के पिछले हिस्से में चिपकी मिली एक एयर होस्टेस की बॉडी
अहमदाबाद विमान दुर्घटना मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. प्लेन के पिछले हिस्से यानी टेल से एक एयर होस्टेस का शव बरामद किया गया है. बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज के मेस में फंसे विमान के हिस्से से यह शव निकाला गया है. NSG की टीम विमान के मलबे की तलाशी में जुटी थी, जब यह बॉडी मिली. बताया जा रहा है कि एनएसजी की टीम को यह बॉडी विमान के उस हिस्से से मिली है, जहां तक पहुंचना काफी मुश्किल था. अब डीएनए जांच से ही यह तय हो सकेगा कि यह शव मनीषा थापा का है किया फिर किसी और एयर होस्टेस का. बता दें कि विमान के मलबे की तलाशी अभी भी की जा रही है, ताकि हादसे का कोई भी पहलू छूट न सके.
कौन हैं मनीषा थापा
मनीषा का परिवार पटना में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बीएसएपी) बटालियन मुख्यालय से बमुश्किल 500 मीटर की दूरी पर जगदेव पथ पर श्यामा अपार्टमेंट के पास रहता है. मनीषा के दो चाचा गुड्डू बहादुर थापा और बबलू थापा बीएसएपी में हवलदार हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें दोपहर करीब 2 बजे उसकी सहेली से फोन पर इस दुखद घटना की जानकारी मिली. मनीषा के पिता राजू थापा बीएसएपी के सदस्य हैं और वर्तमान में बिहार के बेगूसराय जिले में तैनात हैं, जबकि उनकी मां लक्ष्मी थापा हाउसवाइफ हैं. मनीषा का छोटा भाई अमित थापा पटना स्थित एक कॉलेज से पढ़ाई कर रहा है. यह चौंकाने वाली खबर मिलने के बाद मनीषा की मां की हालत खराब हो गई है. लक्ष्मी को सांत्वना देने के लिए उसके पास बैठे एक पारिवारिक सदस्य ने बताया कि जबसे उन्हें इस घटना के बारे में पता चला है, तब से वह डॉक्टर की निगरानी में हैं.
विमान हादसे में केबिन क्रू मनीषा की गई जान… पटना के कॉलेज में नम हुईं साथियों की आंखें
अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर 1:39 बजे हुए एअर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया. इस दर्दनाक घटना में कुल 265 लोगों की जान चली गई, जिनमें 12 क्रू मेंबर भी शामिल थे. इन्हीं में से एक थीं पटना की मनीषा थापा, जो बतौर क्रू मेंबर उस फ्लाइट में ड्यूटी निभा रही थीं.
मनीषा थापा की असमय मौत की खबर मिलते ही पटना में शोक की लहर दौड़ गई. उनका कॉलेज, जहां से उन्होंने पढ़ाई की थी, गमगीन माहौल में डूब गया. कॉलेज में शोकसभा का आयोजन किया गया, जिसमें प्रिंसिपल फादर मार्टिन पोरिस और कॉलेज के स्टाफ व छात्रों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
प्रिंसिपल ने कहा कि मनीषा एक होनहार और अनुशासित छात्रा थीं. आखिरी बार मनीषा से उनकी मुलाकात एक साल पहले पटना एअरपोर्ट पर हुई थी, जब वह अपने प्रोफेशनल करियर में आगे बढ़ चुकी थीं. कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने भी मनीषा की यादों को साझा किया.
मनीषा की एक दोस्त ने बताया कि मनीषा पढ़ाई में अव्वल होने के साथ-साथ एक शानदार डांसर भी थीं. उनका सपना था कि वे आसमान में उड़ान भरें और देश-विदेश घूमें. मनीषा की मौत के साथ ही पटना ने अपनी एक होनहार बेटी को खो दिया. मनीषा की मुस्कुराती तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि संदेशों के साथ वायरल हो रही हैं.
बता दें कि अहमदाबाद में एअर इंडिया की फ्लाइट उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही मेघानीनगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई. विमान पहले बी.जे. मेडिकल कॉलेज की मेस बिल्डिंग से टकराया और फिर अतुल्यम हॉस्टल से टकराने के बाद आग के गोले में तब्दील हो गया. आसपास का इलाका मलबे, धुएं और चीख-पुकार से भर गया. हादसे के बाद शवों की पहचान कर पाना बेहद मुश्किल हो गया.
शवों को उनके घर तक पहुंचाने का प्रयास
अहमदाबाद विमान हादसे में मारे गए लोगों के पार्थिव शरीर को उनके घर तक पहुंचाने के लिए खासतौर पर एंबुलेंस का इंतजाम किया गया है. जानकारी के अनुसार, हर एक मृतक शख्स के लिए एक एंबुलेंस अलॉट की गई है. हर एंबुलेंस में ड्राइवर के साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ भी तैनात हैं. जैसे ही ब्लड सैंपल की रिपोर्ट आएगी और शवों की डीएनए रिपोर्ट से उसका मिलान होगा, ये एंबुलेंस शवों को लेकर उनके घरों के लिए तुरंत रवाना हो जाएगी.
प्लेन हादसे में अब तक 275 की मौत
विमान में क्रू और पैसेंजर (कुल 242) |
241 मौतें (एक यात्री की जान बच गई।) |
बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल | 34 मौतें (5 डॉक्टर+ 31 स्टाफ और वहां मौजूद अन्य लोग) |