शाहजहांपुर में खेत की जुताई के दौरान काफी पुराने तलवारों बंदूक समेत अस्त्र शस्त्रों का जखीरा मिला

Share on Social Media

शाहजहांपुर
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में खेत की जुताई के दौरान काफी पुराने तलवारों बंदूक समेत अस्त्र शस्त्रों का जखीरा मिला है जिन्हें जिला प्रशासन ने अपने कब्जे में लेकर पुरातत्व विभाग को सूचना भेजी जा रही है। यह जानकारी जिलाधिकारी ने दी। शाहजहांपुर के जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार को बताया कि थाना निगोही अंतर्गत ढकिया परवेजपुर गांव में रहने वाला किसान बाबूराम अपने खेत की जुताई कर रहा था। इसी बीच उसे लोहे की तलवार जैसी कोई वस्तु मिली, जिसके बाद खेत स्वामी ने वहां पर खोद कर देखा तो उसे जमीन के नीचे दबे हुए अस्त्र-शस्त्र मिले हैं।

उन्होंने बताया कि खेत में मिले अस्त्र-शस्त में तलवार (23) भाला (एक) खंजर (एक) बंदूक (गाजाही) 12 तथा लोहे के तमाम टुकड़े मिले हैं। बंदूक की केवल नाल (बैरल) ही बची है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि मिट्टी में दबी होने के कारण लकड़ी दीमक का आदि खा गए होंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि उनके संज्ञान में जैसे ही मामला आया, उन्होंने तत्काल ही उपजिलाधिकारी को निर्देश दिए। इसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे और पुराने जमाने के मिले हुए शस्त्रों को थाने के मालखाना में सुरक्षित रूप से रखवा दिए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि इस संबंध में पुरातत्व विभाग को पत्र भेज रहे हैं।

महेश स्वामी सुक देवानंद कॉलेज के इतिहास विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ विकास खुराना ने बताया कि ढकिया परवेजपुर गांव में मिले अस्त्र-शस्त्र मुगल काल के रोहिल्ला संस्कृति के प्रतीत हो रहे हैं। साथ ही ऐसी संभावना है कि जब 1857 में क्रांति हुई थी, तब ब्रिटिश फौज से क्रांतिकारी हारे होंगे और वह इन्हीं रास्तों से पीलीभीत के जंगलों की ओर गए रहे होंगे।

उन्होंने कहा कि ऐसी संभावना है कि इन्हीं क्रांतिकारियों ने अपने हथियार छुपाए होंगे, क्योंकि जीती हुई सेना कभी भी अपने हथियार नहीं छुपाती है। उन्होंने कहा कि जो मैचलाक राइफल मिली है, उसमें बारूद भरकर उसे दागा जाता था जिसे लोग (गजाही) बंदूक भी कहते हैं। इस बंदूक का चलन ब्रिटिश शासन काल में था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *